मुस्लिम मरीजों का इलाज नहीं करेंगे”: गर्भवती महिला ने डॉक्टर पर भेदभाव का आरोप लगाया,देखे वीडियो

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“डॉक्टर ने कहा कि वह मुस्लिम मरीजों का इलाज नहीं करेंगी। मुझे सुबह करीब 9 बजे भर्ती कराया गया था, लेकिन अभी तक मेरी डिलीवरी नहीं हुई है। मैं बिस्तर पर लेटी रही, लेकिन डॉक्टर ने मेरा इलाज करने से इनकार कर दिया और दूसरों से भी कहा कि मुझे ऑपरेशन थियेटर में न भेजें।”

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक गर्भवती मुस्लिम महिला ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने उसके धर्म के कारण उसका प्रसव कराने से इनकार कर दिया।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, शमा परवीन नाम की महिला ने बताया कि यह घटना मंगलवार रात की है। उसने आरोप लगाया, “डॉक्टर ने कहा कि वह मुस्लिम मरीजों का इलाज नहीं करेंगी। मुझे सुबह करीब 9 बजे भर्ती कराया गया था, लेकिन अभी तक मेरी डिलीवरी नहीं हुई है। मैं बिस्तर पर लेटी रही, लेकिन डॉक्टर ने मेरा इलाज करने से इनकार कर दिया और दूसरों से भी कहा कि मुझे ऑपरेशन थियेटर में न भेजें।”

video link- https://youtube.com/shorts/5Ie_kcUq_HU?si=02_4aMYDu-W-od5y

परवीन ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर से कहा कि वह भेदभाव कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा, “फिर भी उन्होंने मेरी बात अनसुनी कर दी।”

उनके पति अरमान ने भी उनकी बात का समर्थन किया। उन्होंने दावा किया कि डॉक्टर ने न सिर्फ़ उनकी पत्नी का, बल्कि उस दिन भर्ती एक अन्य मुस्लिम महिला का भी इलाज करने से इनकार कर दिया था।

अरमान ने कहा, “उन्होंने सभी मरीजों की जांच की, लेकिन जब मेरी पत्नी और एक अन्य मुस्लिम महिला की बारी आई तो उन्होंने मना कर दिया।”

परिवार ने अस्पताल के कर्मचारियों पर सांप्रदायिक भेदभाव का आरोप लगाया है और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

ज्ञात हो कि इसी साल कोलकाता की एक डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, जिन्होंने धार्मिक पहचान के आधार पर सात महीने की गर्भवती महिला का इलाज करने से इनकार कर दिया था।

सियासत डेली की रिपोर्ट के अनुसार, गर्भवती महिला ने डॉ. चंपाकली सरकार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिन्होंने कथित तौर पर उसका अपमान किया और इलाज करने से इनकार कर दिया। फोन पर हुई बातचीत में, डॉक्टर ने महिला को इलाज के लिए मस्जिद या मदरसे जाने को कहा और कहा कि वह आतंकवाद से जुड़ी हुई है। उन्होंने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले का हवाला दिया, जिसमें करीब 26 लोगों की जान चली गई थी।

डॉ. सरकार ने कथित तौर पर उनसे कहा, “तुम लोगों ने पहलगाम में निर्दोष हिंदुओं को मार डाला। तुम्हें भी मार दिया जाना चाहिए। तुम्हारे पति की हत्या हिंदुओं द्वारा की जानी चाहिए ताकि तुम्हें पता चले कि कैसा लगता है।”

यह फोन पर हुई बातचीत ऑनलाइन पोस्ट की गई जो कुछ ही देर में वायरल हो गई और इंटरनेट यूजर्स ने इसकी तीखी आलोचना की।

इस बीच, डॉ. सरकार ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने दावा किया था कि ऑडियो के साथ छेड़छाड़ की गई। उन्होंने वीडियो में कहा, “अपने 30 साल के मेडिकल करियर में, मैंने कभी भी धार्मिक पहचान के आधार पर भेदभाव नहीं किया। मैं अपने सभी मरीजों को समान प्राथमिकता देती हूं। मेरी नजर में जाति, धर्म और नस्ल का कोई महत्व नहीं है। मैं मरीजों का उचित और नैतिक रूप से इलाज करने की पूरी कोशिश करती हूं। कुछ लोगों को मुझसे समस्या थी। मैंने इस कंटेंट को साझा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है।”

इसकी प्रतिक्रिया में, जिस अस्पताल में डॉ. सराकर काम करती हैं वहां के अधिकारियों ने पुलिस और साइबर अपराध विभाग में शिकायत दर्ज कराई और ऑडियो क्लिप को हटाने का अनुरोध किया।