हरक ने डाला पार्टियों में फर्क, कैंडिडेट लिस्ट भी रुकी जॉइनिंग के बाद ही आज जारी होगी लिस्ट
देहरादून एसकेटी डॉट कॉम
उत्तराखंड में चुनावी बिसात बिछाने के बावजूद एक आदमी ने बहुत बड़ा फर्क डाल दिया है वह व्यक्ति है हरक सिंह रावत। हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति का वह चमकता हुआ सितारा है जिसने अपनी धमक से दोनों पार्टियों की चमक को फीका कर दिया है। एक पार्टी से निकाले जाने के बावजूद वह अभी भी भले ही दूसरी पार्टी के दरवाजे खटखटा रहा हूं लेकिन उसकी मौजूदगी दोनों पार्टियों को अपने टिकट बंटवारे के अभियान से रोके हुए हैं।
हरक सिंह रावत ऐसा राजनीतिक चेहरा है जो अभी भी भाजपा को कांग्रेस में दोनों पार्टियों की करीब 5 सीटों को प्रभावित करता है। उसकी भाजपा से छुट्टी होने के बाद कांग्रेस में एंट्री होनी है और इस एंट्री से भाजपा केकई नेता सहमे हुए हैं हरक सिंह रावत का ही असर है कि दोनों पार्टियों ने 2 दिन पूर्व घोषित होने वाली अपनी प्रत्याशियों की सूची को भी फिलहाल वेटिंग में डाल दिया है। दोनों पार्टियां यह दंभ भर रही थी कि वह अपने पहले 40 अथवा 50 सीटों पर टिकटों की घोषणा कर देंगे।
लेकिन हरक एपिसोड उनका यह दंभ बाहर निकाल कर रख दिया है। यह भी माना जा रहा है कि उनकी कांग्रेस में एंट्री की पटकथा लिखी जा चुकी है लेकिन अभी अमलीजमा पहनाने के अलावा इससे होने वाली उत्तल पुथल को देखकर फिलहाल डैमेज कंट्रोल की रणनीति को पहले तैयार कर लिया जा रहा है भाजपा ने तो इसके लिए होने वाली बगावत को रोकने के लिए सांसदों के नेतृत्व में वरिष्ठ नेताओं की समितियां गठित कर दी है कांग्रेसी नहीं बल्कि भाजपा में ज्यादा सिर फुटौवल होने की संभावना नजर आ रही है।
भाजपा इसलिए भी आशंकित है कि उसके लगभग 20 सेटिंग विधायकों के टिकट काटे जा रहे हैं अथवा इन पर फेरबदल की संभावना भी व्यक्त की गई है जिन सीटों पर बदलाव होने की संभावना है उनमें मुख्य रूप से डोईवाला कोटद्वार राजपुर रोड टिहरी घनसाली यमुनोत्री प्रतापनगर केदारनाथ झबरेड़ा पौड़ी थराली करणप्रयाग नैनीताल जागेश्वर अल्मोड़ा रानीखेत गंगोलीहाट काशीपुर ज्वालापुर बाजपुर रामनगर लाल कुआं हल्द्वानी तथा द्वाराहाट की सीट शामिल है।
डोईवाला सीट की बात करें तो हर की दखलअंदाजी होने के चलते पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद ही चुनाव मैदान से हट गए हैं। टिकट काटे जाने की तो उनकी कोई संभावना नहीं थी लेकिन हार होने के भय से पहले ही शायद उन्होंने यह निर्णय लिया हो। बड़े सूत्रों के अनुसार मिली खबर के अनुसार त्रिवेंद्र रावत की कांग्रेस के नेता हरीश रावत के साथ नजदीकी ट्यूनिंग बताई जाती है शायद हरीश रावत ने यह संकेत दिया हो कि हरक सिंह की एंट्री होने वाली है वह इसे बहुत ज्यादा देर तक नहीं रोक सकते हैं और उन्हें एक टिकट के साथ दूसरा टिकट भी दिया जा सकता है निश्चित रूप से वह डोईवाला सीट पर भी काफी दखल रखते हैं। -हरक सिंह का वर्ष 2017 से ही त्रिवेंद्र के साथ 36 का आंकड़ा रहा है। उनके समर्थकों का यह भी कहना है कि त्रिवेंद्र ने ही हर की हनक को थाम कर रखा था और उन्हें भवन निर्माण एवं कर्मकार बोर्ड से भी उन्होंने हटाया था। इसीलिए हरक उनसे हिसाब किताब भी करना चाह रहे होंगे। इसके अलावा उनका लैंसडाउन क्षेत्र में काफी प्रभाव रहा है वह दो बार यहां से विधायक भी निर्वाचित हुए हैं तथा उन्हें अपनी बहू को जीता ले जाना कोई भारी बड़ी बात नहीं होगी।
कई सीटों पर मंथन सोने के चलते सूची भी लेट होती जा रही है वही नामांकन की तिथि कल से शुरू होने वाली है इसीलिए निश्चित रूप पार्टियों पर भी दबाव पड़ चुका है कि वह जल्द से जल्द उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करें लेकिन पार्टियां हैं कि वह होने वाले विद्रोह से डरे हुए हैं इसलिए हरक के प्रभाव को देखते हुए भी सीटों के गणित को भी देखा जा रहा है।
दोनों पार्टियां एक दूसरे के कैंडिडदे देखते हुए भी अपने कैंडिडेट को उतारने की रणनीति बना रहे हो अथवा एक दूसरे की सूची का इंतजार कर अथवा उसे लीक होने का भी इंतजार किया जा रहा है ताकि वह अपने प्रत्याशियों का गुणा भाग भी लगा सके। भारत की एंट्री की वजह से हो रही देरी से कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची भी विलंब से जारी हो रही है इसके अलावा कांग्रेस के दोनों गुट 30 सीटों पर एक राय नहीं बना पा रहे हैं उसकी वजह से भी देरी मानी जा रही है ऐसा भी हो सकता है कि राहुल गांधी को इन 3 सीटों पर अपना वीटो लगाकर सोए नहीं इनकी फाइनल सूची को जारी करना होगा
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