नौकरानी को 8 साल तक बंधक बनाकर जीभ से पेशाब साफ कराई, BJP महिला नेता की क्रूर करतूत

Ad
Ad
ख़बर शेयर करें

झारखंड की राजधानी रांची में घरेलू नौकरनी के उपर जुल्म की डरा देना वाली घटना सामने आई है। रांची में 29 साल की एक आदिवासी महिला से दरिंदगी का मामला सामने आया है। उसे 8 साल से एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर महेश्वर पात्रा की पत्नी और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा ने घर में कैद करके रखा था। दिव्यांग घरेलू नौकर को बंधक बनाये जाने के मामले में रांची के अरगोड़ा थाना में आईपीसी की धारा सहित एससी-एसटी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

8 सालों से जुल्म ढाह रही थी सीमा पात्रा

क्रूर महिला की चुंगल से आजाद कराई गयी पीड़ित का नाम सुनीता है। रांची के अशोक नगर स्थित रोड नंबर एक में रहने वाली बीजपेी नेत्री सीमा पात्रा बीते आठ साल से घरेलू कामकाज के लिए रखी गयी युवती को लंबे समय से बुरी तरह प्रताड़ित किया जा रहा था। उसे घर से बाहर तक नहीं निकलने दिया जा रहा था। उसे भरपेट खाना नहीं दिया जाता था। रॉड से पीटा जाता था और गर्म तवे से जलाया जाता था।

सालों से सूरज की रोशनी नहीं देखी

सीमा पात्रा के चुंगल से छूटी सुनीता ने बताया कि,मालिक इतने बेरहम थे कि रॉड से मारकर दांत तोड़ दिए। चलने में लाचार हो गई। घिसटकर चलती थी। कभी पेशाब कमरे से बाहर चली जाए तो सीमा जीभ से फर्श साफ करवाती थी। सुनीता ने बताया कि उसने सालों से सूरज की रोशनी नहीं देखी। खबर सामने आने के बाद भाजपा ने आज झारखंड में अपनी नेता सीमा पात्रा को सस्पेंड कर दिया।

पहले भेज दिया था बेटी के पास काम के लिए

करीब 10 साल पहले वो रिटायर्ड आईएएस महेश्वर पात्रा और बीजेपी नेत्री सीमा पात्रा के घर मेड के तौर पर काम करने के लिए लाई गई थी। बाद में उसे दिल्ली में रहने वाली उनकी पुत्री वत्सला पात्रा के साथ भेज दी गई। दिल्ली से सीमा की बेटी के ट्रांसफर के बाद सुनीता वापस रांची सीमा पात्रा के घर आ गई। यहां काम करते हुए उसे हमेशा प्रताड़ित किया जाने लगा।

ऐसे चुंगल से निकली सुनीता

घर में बंधक बनी दिव्यांग युवती ने किसी प्रकार मोबाइल पर विवेक आनंद बास्के नामक एक सरकारी कर्मचारी को मैसेज भेजकर अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में जानकारी दी थी। उन्हीं की सूचना पर अरगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज की गयी। सीमा पात्रा के ऊपर आईपीसी की धारा 323/ 325/ 346 और 374 लगाया गया है। सीमा पर एससी- एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज हुआ है। मामले की जांच के लिये हटिया डीएसपी राजा मित्रा को केस का आईओ बनाया गया है।

सीमा पात्रा के बेटे आयुष्मान ने उसकी मदद की

जब पुलिस ने सुनीता को रेस्क्यू कराया तो वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। सुनीता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें सुनीता अपने जुल्म की दास्तान सुनाती दिख रही है। वह बार बार अपने उपर हुए जुल्मों को को बता रही है। उसने रेस्क्यू करने वाले लोगों से आगे पढ़ने की गुहार लगाई है। सुनीता का कहना है कि सीमा पात्रा के बेटे आयुष्मान ने उसकी मदद की थी। दर्द और आंसुओं के बीच बेहद धीमी आवाज वह कहती है,उसकी वजह से ही मैं जिंदा हूं। महिला की बहन और देवर को कथित तौर पर उसकी पीड़ा के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया।