Megaquake: आने वाली है महाप्रलय!, 3,00,000 लोगों की एक झटके में मौत, करीब 2 ट्रिलियन डॉलर की होगी तबाही!



Megaquake In Japan: जापान में भूकंप आना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार खतरा बड़ा हो सकता है। जापान में ‘मेगाक्वेक’ Megaquake कहर बनकर टूटने वाला है। नानकाई ट्रफ में मेगाक्वेक की आशंका ने जापान में हड़कंप मचा दिया है। नए अनुमानों के अनुसार इस भूकंप के आने पर करीब तीन लाख मौतें हो सकती है। साथ ही दो ट्रिलियन डालर यानी की करीब 167 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका जताई गई है। बता दें कि ये नुकसान 2011 के तोहोकु भूकंप और सुनामी से भी कई ज्यादा का हो सकता है।
जापान में आने वाला है Megaquake!
नानकाई ट्रफ जापान के दक्षिण-पूर्वी तट के पास प्रशांत महासागर में स्थित एक 500 मील लंबा समुद्री गर्त है। यहां पर फिलीपीन सागर प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसक रही है। जिसके चलते बड़े भूकंप आ सकते है।
इतिहास गवाह है कि हर 100 से 200 साल में इस इलाके में बड़ा भूकंप आता ही आता है। आखिरी बार यहां पर साल 1946 में भूकंप आया था। जनवरी में जापान सरकार की समिति में भूकंप की संभावना को लेकर एक रिपोर्ट बनाई थी। जिसमें अगले 30 सालों में आठ या उससे ज्यादा की तीव्रता के भूकंप आने की संभावना 75-82% बताई गई थी। इसके साथ ही मार्च की रिपोट में कहा गया था इससे होने वाली तबाही में 2,98,000 लोगों की जान जा सकती है। इसके अलावा 23.5 लाख इमारतें ढ़ह सकती हैं।
3,00,000 लोगों मौत की संभावना
जैसा प्रडिक्ट किया गया है कि मेगाक्वेक आएगा। अगर वो आता है तो कुछ इलाकों में दो मिनट में तबाही शुरू हो जाएगी। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने अलर्ट जारी कर कहा है कि टोक्यो और अन्य तटीय प्रान्तों में 10 मीटर ऊंची सुनामी की लहरें आ सकती हैं। इससे होने वाली तबाही में करीब 2,15,000 लोगों के मौत हो सकती है। तो वहीं इमारतें गिरने पर करीब 73,000 लोग की जान जा सकती है। इसके साथ ही आग से करीब 8,700 लोग मर सकते है।
कितना तैयार है जापान?
बता दें कि साल 2014 में जापान सेंट्रल डिजास्टर मैनेजमेंट काउंसिल द्वारा राष्ट्रीय आपदा रोकथाम योजना बनाई गई थी। उस समय ये अनुमान लगाया गया था कि भूकंप से 3,32,000 लोगों की जान और 25 लाख इमारतें बर्बाद हो जाएंगी। उस दौरान सरकार ने 10 साल में मौतों और 80% और इमारतों को होने वाले नुकसान को 50% कम करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन कैबिनेट अधिकारी द्वारा ये बात स्वीकार की गई कि ये लक्ष्य फेल हुआ है। वर्तमान में जो उपाए है उससे मौतों में सिर्फ 20 प्रतिशत की कमी की जा सकती है।
सरकार ने एक जुलाई को बैठक में पुराने लक्ष्यों को अमल करने को लेकर फैसला किया। प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने कहा, “राष्ट्र, नगरपालिकाओं, कंपनियों और गैर-लाभकारी संगठनों को एकजुट होकर अधिक से अधिक जानें बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए।”
क्या है नई योजना
जापान द्वारा कई योजनाओं को अमल करने की बात कही गई है। जिसमें तटबंधों और सुनामी – प्रतिरोधी निकासी भवनों का तेजी से निर्माण करना शामिल है। साथ ही पूरे देश में नियमित रूप से इमरजेंसी ड्रील होगी। साथ ही जरूरी सामानों के स्टोरेज की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए है। साथ ही भूकंप से बचने के लिए बुनियादी ढांचे तैयार करने के लिए कहा गया है।
महांभूकंप के लिए तैयरी तेज
जापान के 30 से ज़्यादा इलाकों में सरकार ने 723 शहरों और कस्बों को “आपदा के लिए तैयार रहने वाले इलाके” घोषित कर दिया है। ये सभी जगहें इबाराकी से लेकर ओकिनावा तक फैली हुई हैं। यहां भविष्य में तेज़ भूकंप (6 तीव्रता या उससे ज़्यादा) और 3 मीटर से ऊंची सुनामी आने का खतरा बताया गया है।
अब इन इलाकों की लोकल सरकारों को नए सिरे से तैयारी करनी होगी। जैसे अगर कोई बड़ी आपदा आती है, तो अस्पतालों और बड़ी इमारतों से लोगों को कैसे सुरक्षित निकाला जाएगा। इसकी पहले से योजना बनानी होगी। साथ ही इलाके की कमज़ोरियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक मजबूत प्लान तैयार करना होगा ताकि किसी भी इमरजेंसी में नुकसान कम से कम हो
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