#mbpgelectio-धनबल से चुनाव को हाई जैक करने पर तुले प्रत्याशी , बसें भर यहाँ ले गए..

ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी skt.com

Ad
Ad

एमबीपीजी कॉलेज में चुनाव की तिथि तथा प्रत्याशी तय होने के बाद अब छात्र-छात्राओं को विभिन्न तरह के टूर प्रोग्राम के माध्यम से अपनी ओर खींचने के प्रयास शुरू हो गए हैं।

जिसका दीर्घकालिक असर छात्रों और भविष्य में चुनाव लड़ने वाले छात्रों पर जरुर पड़ेगा एमबीपीजी कॉलेज से आज एबीवीपी के प्रत्याशी सूरज रमोला और निर्दलीय प्रत्याशी संजय जोशी की ओर से एक दर्जन से अधिक बसों में छात्र-छात्राओं को एक दिवसीय टूर प्रोग्राम पर ले जाया गया जिसके लिए एमबीपीजी कॉलेज पर दोनों छात्र संघ अध्यक्षों की ओर से अपनी अपनी ओर से एक एक दर्जन से अधिक बसें लगाई गई जिन में छात्र-छात्राएं भरकर गई।

जानकारी करने पर यह सामने आया कि सूरज रमोला अपने समर्थक छात्राओं को हनुमान धाम और गर्जिया मंदिर में घूमने ले गए हैं और वहीं निर्दलीय प्रत्याशी संजय जोशी अपने समर्थक छात्र-छात्राओं को नानकमत्ता साहिब में घूमने ले गए हैं ।

यह अच्छी बात है कि छात्राओं को घूमने का मौका मिला है लेकिन यह परिपाटी भविष्य में अगर चल गई तो इससे प्रत्याशियों विशेष कर जो आर्थिक रूप से सक्षम ना हो उसके लिए भारी दिक्कत है आ सकती है ।

चुनाव के मुश्किल 15 दिन में रह गए हैं ऐसे में प्रत्याशियों को किसी भी तरह से छात्राओं को अपने कब्जे में लेकर चुनाव जीतना है इसके लिए चाहे उन्हें कितना ही पैसा पाने के बिना बहाना पड़े ऐसे में अब एनएसयूआई के द्वारा अध्यक्ष पद पर चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद आमने-सामने का मुकाबला हो गया है ।एबीवीपी की ओर से सूरज रमोला तथा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर संजय जोशी के बीच कांटेदार मुकाबला होना तय है।

अध्यक्ष रश्मि अपने समर्थकों के साथ निर्दलीय संजय जोशी को जितान लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं वहीं पूर्व छात्र अध्यक्ष संजय रावत, देवेंद्र नेगी, रविंद्र रावत की टीम इस बार एवीबीपी के सूरज रमोला के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं जिससे निश्चित रूप से कांटे का मुकाबला होगा और चुनाव होने तक कितनी बार छात्र आपस में भिडेंगे यह कहना भी अभी आसान नहीं है लेकिन इस बार का चुनाव छात्र संघ प्रत्याशियों के बजाय पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष रहे मठाधीशों की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। जिस पक्ष का प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर कॉलेज काबिज होगा। वह गुट आने वाले समय में अपना वर्चस्व स्थापित कर लेगा। आगमी वर्षों में भी यही जिताओ प्रत्याशी सामने लाएंगे।I