#mbpgपहली बार #NUSI ने छोड़ा मैदान, आखिर संकलन से क्यों नही हो पाया ..

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Haldwani skt. com

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उत्तराखंड के दूसरे सबसे बड़े कॉलेज एमबीपीजी में चुनाव की घोषणा के बाद छात्र संघ के लिए प्रत्याशियों की घोषणा हो गई लेकिन सबसे बड़ी बात की NUSIमें इस बार मैदान छोड़ दिया है कांग्रेस समर्थित इस छात्र संगठन की ओर से अध्यक्ष पद पर किसी को भी नहीं लडाने का फैसला लिया गया ।

इस अवसर पर NUSI के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी तथा प्रभारी छाबड़ा विधायक सुमित हिरदेष की उपस्थिति में महिला डिग्री कॉलेज के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की वही विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के लिए भी एमबीबीजी कॉलेज के लिए सुजल सचिन के नाम पर मोहर लगाई गई।

माना जा रहा है कि पिछले एक-दो चुनाव में निर्दलीयों ने दबदबा बनाया हुआ है तथा निर्दलीय और एबीवीपी के बीच ही मुकाबला आ रहा है और एनएसयूआई को हमेशा तीसरे स्थान पर ही रहना पड़ा है जिसकी वजह से भी सा इस बार अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी सामने लाने में असफल रही पिछली बार भी एबीपी के एक बागी को NUSIने चुनाव लड़ाया था लेकिन वह भी एन यू एस आई के दम पर नहीं जीत पाया था और इनिशियो की ओर से भी उसे पूरी ताकत के साथ चुनाव नहीं लड़ाया गया और एबीपी के बागी धड़े व NUSI ने रश्मि लमगाड़ियाको चुनाव लड़ाया था जिसकी वजह से उसे भारी जीत मिली थी।

इस बार पहली बार सामने आया है कि संकलन से जहां कैबिनेट मंत्री रहीस्वर्गीय डॉक्टर इंदिरा ह्रदयेश की संस्तुति पर छात्र संघ के अध्यक्ष और अन्य प्रत्याशी चयन किए जाते थे तथा अधिकांश बार वही विजई होकर निकलते हैं लेकिन इस बार ऐसा हुआ है कि NUSI ने मुकाबला से पहले ही मैदान छोड़ दिया है । NUSI की ओर अध्यक्ष और महासचिव पद के लिए किसी के नाम की घोषणा नहीं की गई है माना यह जा रहा है कि हल्द्वानी में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे दो बड़े नाम ने एक बार अपने-अपनेसेनाएं सजा रखी है तथा अपने-अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ा रहे हैं एक अध्यक्ष एबीवीपी के अध्यक्षप्रत्याक्षी को समर्थन दे रहा है तथा दूसरा निर्दलीयको चुनाव लड़ा रहा है जिसकी वजह से और क्षेत्रीय विधायक असमंजस में पड़े हुए हैं

माना यह जा रहा है कि इसी की वजह से अध्यक्ष और महासचिव पर किसी को भी खड़ा नहीं किया है विधायक सुमित ह्रदयेशभी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्षों की लड़ाई में किसी के और झुकने के बजाय निष्पक्ष होकर रहना चाहते हैं ताकि आने वाले समय में उन्हें किसी के पक्ष में झुकने के आरोप न झेलना पड़े। माना जा रहा है यह दोनों पूर्व अध्यक्ष छात्रों को लेकर यह दोनों छात्र संघ अध्यक्ष बड़ी ताकत रखते हैं तथा वह दोनों ही सुमित ह्रदयेश के लिए कार्य भी करते रहे हैं