रुद्रप्रयाग हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच पूरी, इस वजह से गई थी 15 यात्रियों की जान, परिवहन विभाग ने किया चार कर्मियों को निलंबित

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रुद्रप्रयाग हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच पूरी हो गई है। उपजिलाधिकारी आशीष चंद्र घिल्डियाल ने रिपोर्ट जिलाधिकारी सौरभ गहरवार को सौंप दी है। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में घायलों के साथ-साथ प्रत्यक्षदर्शियों और रेस्क्यू करने वाले लोगों के बयान दर्ज किए थे।


15 जून को ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद टी इन सदस्यीय जांच दल ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन के परमिट, बीमा, ऑनलाइन बुकिंग के साथ ही चालक के पहाड़ में वाहन संचालन के अनुभव के साथ अन्य सभी पहलुओं के आधार पर अपनी जांच की है। जांच कर रही टीम ने घटनास्थल से लेकर नदी तक निरीक्षण किया था।

चालक को झपकी आने के चलते हुआ था हादसा
हादसे का कारण चालक की मानवीय भूल, रातभर वाहन चलाना और थकान अथवा नींद आना है। बता दें कि 14 जून की रात को 20 सीटर टेंपों-ट्रैवलर में चालक समेत 26 लोग दिल्ली से चोपता-तुंगनाथ-चंद्रशिला के लिए रवाना हुए थे। 15 जून को दोपहर 11:30 बजे बदरीनाथ हाईवे पर रैंतोली के पास अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरा था। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 11 लोग घायल हैं।

20 सीट में पास था वाहन
जानकारी के अनुसार जांच अधिकारी उप जिलाधिकारी आशीष चंद्र घिल्डियाल ने मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है। उपजिलाधिकारी के मुताबिक गुड़गांव स्थित एजेंसी कार्यालय से वाहन की खरीद के साथ ही अब तक कुल बुकिंग की डिटेल्स, किन-किन प्रदेशों में संचालन और कुल दूरी को लेकर जानकारी प्राप्त की है। इसके अलावा वाहन के परमिट से भी स्पष्ट हो चुका है कि वाहन 20 सीट में पास था और उसमें चालक सहित कुल 26 लोग सवार थे।

परिवहन विभाग ने किया चार कर्मियों को निलंबित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद परिवहन विभाग ने हादसे में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को निलंबित कर दिया है। मामले में तपोवन में चेकपोस्ट में वाहन की चेकिंग नहीं करने पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए चार परिवहन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है