#Lal Bahadur Shastri Jayanti : लोन लिया, तैर कर नदी की पार, देश से कहा एक वक्त का खाना छोड़ो, जानें शास्त्री के किस्से

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पूरा देश आज 2 अक्टूबर को देश के पूर्व पीएम lal bahadur shastri की जयंती पर उन्हें याद कर रहा है। आज उनकी 118वीं जयंती है। क्या आप जानते हैं लाल बहादुर शास्त्री बचपन से ही कितने मेहनती और होशयार थे। उनका पूरा जीवन देश के लोगों के लिए प्रेरणादायक है। आइये जानते हैं लाल बहादुर शास्त्री के बहादुरी के किस्से।

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2 अक्टूबर 1904 उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में जन्में शास्त्री का बचपन काफी कठिनाईयों में बीता। पिता की मृत्यु जल्दी होने के कारण बचपन में ही जिम्मेदारी का बोझ उनपर आ गया। उनका स्कूल नदी के पार था लेकिन उनके पास नाव का किराया देने के पैसे भी नहीं होते थे इसलिए वो अपनी किताबों को सिर पर बांधकर गंगा नदी को तैर कर अपने स्कूल शिक्षा लेने जाते थे।

कार लेने के लिए लिया लोन
lal bahadur shastri जी का एक किस्सा काफी प्रसिद्ध है। जब वो पीएम थे तो उन्हें परिवार के लोगों ने एक कार खरीदने के लिए कहा था। उन्हें 12 हजार रूपये की जरूरत थी। हालांकि उनके पास में केवल 7 हजार रूपये ही थे। जिसके कारण उन्होनें बैंक से 5 हजार का लोन लिया था।

देशवासियों से की शास्त्री ने अपील
साल 1965 में जब अमेरिका ने भारत को गेंहू भेजना बंद करने की धमकी दी थी, उस वक्त भारत गेंहू के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं थी। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को ये बात चुभ गई और उन्होनें देशवासियों से अपील की कि हम लोग एक वक्त का भोजन नहीं करेंगे। कहते हैं शास्त्री की अपील पर उस वक्त लोगों ने एक समय का भोजन खाना छोड़ दिया था।