पत्रकार गजेंद्र रावत ने की पुलिस महानिदेशक से न्याय की मांग, ये है पूरा मामला
पत्रकार गजेंद्र रावत के खिलाफ हाल ही में देहरादून के डालनवाला थाने में पत्रकार गजेंद्र रावत के विरुद्ध धार्मिक भावना आहत करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब पत्रकार गजेंद्र रावत ने पुलिस महानिदेशक से न्याय की मांग की है।
पत्रकार गजेंद्र रावत के खिलाफ एक मई को मुकदमा दर्ज किया था। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाक्टर हरीश गौड़ द्वारा दर्ज करवाए गए इस मामले को लेकर गजेंद्र रावत ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को विस्तृत पत्र लिखकर बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की भूमिका पर सवाल उठाए हैं ।
अनहोनी की जताई आशंका
गजेन्द्र रावत ने अपने इस पत्र में हरीश गौड़ के साथ हुए वार्तालाप का विस्तृत ब्योरा देकर अपने परिजनों के साथ किसी अनहोनी की आशंका भी व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारी जो कि कर्मचारी सेवा आचरण नियमावली के अधीन आते हैं। वो चुनाव आचार संहिता लागू रहने के दौरान मुझ पर ऐसा मुकदमा कैसे कर सकते हैं ? उन्होंने कहा है कि उनके साथ या उनके परिवार के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके जिम्मेदार बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय होंगे।
अजेंद्र अजय के कहने पर हुआ है मुकदमा दर्ज
गजेन्द्र रावत का कहना है कि उन्होंने फोन पर हरीश गौड़ से बात की तो उन्हें पता चला कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के कहने पर करवाया गया है। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने दबाव डालकर उनसे यह काम करवाया और मुकदमा न करने पर नौकरी जाने की धमकी दी। हरीश गौड़ ने यह भी बताया कि इससे पहले अजेंद्र अजय उन्हें कई महीने बाहर बैठा चुके हैं।
अजेंद्र अजय के कार्यकाल में हुए कामों की हो जांच
उन्होंने कहा है कि तीर्थ पुरोहितों द्वारा जिस प्रकार केदारनाथ के गर्भ गृह में लगे सोने का पीतल होने के वीडियो जारी किए गए, वो देश-दुनिया में प्रसारित हुए। उससे करोड़ों भक्तों के साथ मेरी भी धार्मिक आस्था आहत हुई है। इसलिए अजेंद्र अजय पर मुझे प्रताड़ित करने व केदारनाथ के करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावना को आहत करने का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। केदारनाथ में पंडा पुरोहितों के सोने से पीतल वाले आरोप, अजेंद्र अजय के कार्यकाल में अभी तक हुए सभी कामों की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।
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