भू कानून ,गैरसैण , बिजली पानी और मुफ्त गैस यूकेडी के मुद्दे : ऐरी

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हलद्वानी एसकेटी डॉटकॉम

भू कानून उत्तराखंड के मूल निवासियों को बिजली ,पानी और रसोई गैस मुफ़्त देना यूकेडी के पूर्व से ही मुद्दे रहे हैं । जिन्हें कोई भी अन्य दल ऐसा नही कर सकता है। आज का युवा इस बात को समझ चुका है कि जब तक भू कानून और राजधानी गैरसैण के मुद्दे पर स्पष्ट निर्णय नहीं हो जाता है तब तक इस प्रदेश से समस्याओं का दूर होना काफी मुश्किल है।

भाजपा व कांग्रेस दोनों दल दिल्ली से संचालित है । दिल्ली के लोगों को यहां की समस्याओं के बारे में कोई ज्ञान नहीं है पिछले 20 वर्षों में गलत लोगों के हाथों में सत्ता होने से गाव बिरान हो गए नौजवानों का पूरे उत्तराखंड से पलायन हो गया और गांव के गांव बंजर होते गए। यह कहना है उत्तराखंड क्रांति दल के नवनियुक्त अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी का। काशी सिंह ऐरी अध्यक्ष बनने के बाद आज पहली बार हल्द्वानी के जिला कार्यालय में पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत हुआ।

उनको यहां पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कि अब जनता जान गई है कि यूकेडी के मुद्दों को तवज्जो नहीं देने से पहाड़ से पलायन हो गया और यहां का मूल निवासी बाहरी लोगों का चपरासी बनकर रह गया है थोड़े से लालच से बाहरी लोगों ने यहां की नर्सगिक खूबसूरती वाले स्थानों में बड़ी मात्रा में जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त की है। जिसस यहां के लोग अभी जमीन बेचकर सिर्फ उन जमीनों की रखवाली करने वाले बनकर रह गए।

उन्होंने कहा कि गैरसैन का मुद्दा उत्तराखंड के भविष्य का मुद्दा है और इसे उत्तराखंड क्रांति दल में ही जीवित रखा है उत्तराखंड क्रांति दल के इस मुद्दे पर स्टैंड रखने के कारण ही भाजपा और कांग्रेस को इस पर ग्रीष्मकालीन शीतकालीन जैसे नाम देकर यहां की जनता को गुमराह किया है जबकि यहां की जनता की प्रबल मांग गैरसैंण को राजधानी बनाना है ताकि विकास की धारा मैदानी जिलों से पहाड़ तक पहुंचे ।अब तक के सत्तासीन रहे दलों ने सिर्फ ढाई जिले में विकास को सीमित करके रख दिया है।

काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उनका दल उन्हें इसलिए दोबारा से बागडोर दे रहा है कि अनुभव के साथ ही जोश बनाए रखा जा सकता है। उन्होंने कहां की भाजपा व कांग्रेस फ्री बिजली का मुद्दा उठाकर यहां के लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है जबकि उत्तराखंड क्रांति दल का पहले से ही यह स्टैंड रहा है की यहां के लोगों को 200 ,300, 400 नहीं बल्कि पूरी बिजली,पानी एवम गैस मुफ्त दी जाएगी। इसके अलावा 10,हजार करोड़ रुपए का प्रति वर्ष ग्रीन बाउंस भी केंद्र से लेके रहंगे। क्योकि पर्यावरण का ठेका हमारे ही पास ही है। पर्वतीय क्षेत्र की दुष्वारियों हम ही झेलते हैं।