निवेश-अपनी भूमि पर बना सकेंगे हैलीपैड ऐसे करे आवेदन

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राज्य सरकार के सशक्त उत्तराखण्ड मिशन के तहत, राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से सुरम्य गंतव्य स्थानों तक पहुंच, आपातकालीन चिकित्सा और आपदा सेवाओं में आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य में हैलीपैड एवं हैलीपोर्ट की अपार संभावनाओं को देखते हुए, उत्तराखण्ड सरकार के अंतर्गत उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा या प्राधिकरण), जो कि राज्य में नागरिक उड्डयन अवसंरचना एवं पारिस्थतिकी के विकास हेतु प्रमुख निकाय है,द्वारा ‘

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उत्तराखण्ड हैलीपैड एवं हैलीपोर्ट नीति 2023’ (या नीति) प्रस्तावित की है। इस नीति में दो विकल्प प्रस्तावित किये गये हैं जिनमें प्रथम विकल्प के अनुसार चयनित भूमि मालिक हैलीपैड / हैलीपोर्ट विकास के लिए प्राधिकरण को 15 साल के लिए पट्टे पर भूमि प्रदान कर सकते हैं जिस पर प्राधिकरण द्वारा चयनित भूमि पार्सल पर डीजीसीए नियमों द्वारा लागू डिजाइन और विशिष्टताओं के आधार पर हैलीपैड / हैलीपोर्ट को विकसित किया जायेगा। वित्तपोषण और विकास की लागत प्राधिकरण द्वारा वहन की जायेगी। आवेदक/भू-स्वामी को प्रतिवर्ष 100 रूपये प्रति वर्ग मी किराया भुगतान किया जायेगा एवं इसके अतिरिक्त, चयनित आवेदक/भू-स्वामी को निर्मित हैलीपैड / हैलीपोर्ट के संचालन एवं प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जायेगा

दूसरे विकल्प के तहत चयनित आवेदक/भू-स्वामी द्वारा लागत में किसी भी वृद्धि सहित हेलीपैड / हेलीपोर्ट के वित्तपोषण और विकास की पूरी लागत का वहन किया जाएगा। हैलीपैड के लिए लगभग 10 से 20 लाख तथा हैलीपोर्ट के लिए लगभग 2 से 3 करोड़ की पूंजीगत आवश्यकता रहेगी। हैलीपैड / हैलीपोर्ट के विकास, संचालन एवं प्रबंधन (O&M) हेतु सभी प्रासंगिक अनुमोदन (डी०जी०सी०ए० लाईसेंस/संचालन अनुमति सहित) प्राप्त करने की जिम्मेदारी आवेदकों/भू-स्वामियों की होगी। प्राधिकरण प्रासंगिक अनुमोदन (डी०जी०सी०ए० लाईसेंस / संचालन अनुमति सहित) प्राप्त किये जाने हेतु सहायता करेगा।