उतराखंडियत का मेगा शो , हरीश की मौजूदगी में माया कराएंगी संस्कृति से रूबरू उत्तराखडियत पर गाना भी लांच (देखें वीडियो क्या कहा)

ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी एसकेटी डॉटकॉम

Ad
Ad

उत्तराखंडी लोगो को अपनी पहचान से रूबरू कराने के लिए हरीश रावत की मुहिम का आगाज कल 28 दिसंबर को हल्द्वानी मैं होगा जिसमें उतराखंडियत की विशेषता उत्तराखंड की खानपान रहन सहन, वेशभूषा, झोड़े भगनॉले, कहान अहान ,मडवा ,झुगरा ,भट , गहत, गल गल ,भांग की चटनी समेत कई खाद्य पदार्थों के साथ पिछौड़ा, रंगोली ,बाल मिठाई ,आमा बूबू की आहण कहानी समेत सभी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

इस संबंध में कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उत्तराखंड की लोक गायिका एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सांस्कृतिक सलाहकार माया उपाध्याय ने प्रदेश प्रवक्ता दीपक बलुटिया के कैंप कार्यालय में पत्रकारों को दी। इसअवसर पर उतराखंडियत पर गाना भी लांच किया।

माया उपाध्याय ने कहा कि अब हमारे स्वयं अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों को अपनी संस्कृति को खुद ही बताने के लिए आगे आना होगा। बहुत लंबे समय से हमारी बोली भाषा एवं संस्कृति हमारे लोगों के बीच से कम होती जा रही है जिसका कारण यह है कि वर्तमान समय माता अपने बच्चों के सामने अपनी अपनी कुमाऊनी गढ़वाली या जौनसारी भाषा में नहीं बोल रहे हैं जिससे बच्चे अपनी पहचान खोते जा रहे हैं।

जिसका एक कारण यह भी है की बच्चों ने अपने स्थानीय उत्पादों को भी पहचानना बंद कर दिया है वेस्टर्न कल्चर की तरह वेस्टर्न खानपान बढ़ने लगा है जिसकी वजह से तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं। जबकि हमारे स्थानीय उत्पादों मडवा झुंगरा, भट्ट गहत मेथी से कई तरह की बीमारियां दूर होती है हमारे पहाड़ के मटुए में सबसे ज्यादा मात्रा में कैल्शियम होती है इस बात की जानकारी होने के बाद जापान जैसे देश ने मडुवे का विभिन्न पदार्थों में उपयोग करना शुरू कर दिया है।

माया ने बताया कि हल्द्वानी के बाद विभिन्न स्थानों पर यह कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें कुमाऊं के अलावा गढ़वाल के कई स्थान शामिल है