आखिर कृष्ण भक्ति में क्यूँ रमना चाहती हैं आईपीएस भारती अरोड़ा, वीआरएस के लिए किया अप्लाई
चंडीगढ़ एसकेटी
इस संसार में कैसे कैसे लोग होते जो तरह तरह की शानो शौकत एवं रोब की जिंदगी से दूर ही रहना पसंद करते हैं।इसका अंदाजा अंबाला रेंज की आईजी भारती अरोड़ा से ही लगाया जा सकता है।
लोग आईएएस पीसीएस की रोब के साथ जीना चाहते हैं लेकिन भारती अरोड़ा है कि उन्हें अब यह जो बिल्कुल शून्य लगता है।उन्होंने वीआरएस के लिए अप्लाई किया ।वह यह भी चाहती है कि उन्हें विभाग जल्द से जल्द रिलीफ कर दिया जाए ताकि वह अपने मन के मुताबिक श्री कृष्ण भक्ति में अपना शेष जीवन बिता सकें ।
उन्होंने कहा कि उन्हें नोटिस पीरियड से भी छूट दी जाय। हरियाणा में एकमात्र अधिकारी जिन्होंने वीआरएस के लिए अप्लाई किया है। उनका कहना है कि वह अब गुरु नानक देव, जी चैतन्य महाप्रभु, तुलसीदास, सूरदास तथा मीराबाई के आदर्शों पर चलकर अपना शेष जीवन श्रीकृष्ण की भक्ति में बिताना चाहती है।
आईपीएस भारती अरोड़ा हरियाणा के कई इलाकों में अपनी तैनाती के दौरान जलवा दिखा चुकी है उनकी कार्यशैली से अधिकारी ही नहीं बल्कि नेता एवं आम जनता भी काफी प्रभावित रहे हैं जिस क्षेत्र में भी उनकी तैनाती रही है चाहे वहअभी वर्तमान में अंबाला रेंज की आईजी हो राजकीय रेलवे पुलिस की एसपी रही हो, अंबाला रेंज की एस पी रही हो, कुरुक्षेत्र रेंज की एस पी रही हो। राई स्पोर्ट्स कॉलेज की प्रिंसिपल रही हो अथवा करनाल रेंज के आईजी रही हो उनके कार्यों की सभी ने सराहना की की है।
भारती अरोड़ा 31 मार्च 1988 को आईपीएस के तौर पर हरियाणा में तैनात हुई।और अभी 10 साल बाद 30 मार्च 2031 को उन्होंने सेवा निवृत होना था लेकिन 10 साल पहले ही उन्होंने वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया। भारती की शादी हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी विकास अरोड़ा के साथ हुई थी वह लगातार अपनी सेवा को अंजाम दे रही है । वर्ष 2007 में अटारी जा रही रेल मे बम बिस्फोट के दौरान वहां एसपी रही थी। इस मामले की जांच उन्होंने ही किया था। इसके अलावा अवैध रूप से लोगों को कबूतरबाजी के माध्यम से विदेश भेज जा रहे मामले को उन्होंने ही जसक के बाद अंजाम तक पहुचाने में अहम भूमिका निभाई थी।
लेकिन उनके मन में क्या परिवर्तन आया कि उन्होंने वीआरएस लिए अप्लाई कर दिया वह अब भक्ति रस में डूब कर अपना शेष जीवन व्यतीत करना चाहती है हालांकि उन्होंने 24 जुलाई 2021 को अपना वीआरएस का आवेदन दिया है लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है कुछ अधिकारी उन्हें समझाने बुझाने पर लगे हुए हैं लेकिन वह अपने इरादों पर अटल नजर आ रही है।
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