देहरादून में आफत पर हरदा का वार, बोले सरकार सो रही है, प्रकृति चेतावनी दे रही है

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harish rawat on dehradun disaster

देहरादून में भारी बारिश ने सितंबर में तबाही मचाई हुई है। 15 और 16 सितंबर की रात सहस्त्रधारा इलाके में Cloudburst की घटना से सांग नदी ऊफान पर आ गई। जिसके चलते कई पुल, सड़कें, हाईवे क्षतिग्रस्त हो गए। आपदा में कई लोगों के मौत की भी खबर है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सरकार पर हमला बोला है। हरदा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि चेतो देहरादून-चेतो उत्तराखंड

हरीश रावत ने धामी सरकार को घेरा

हरदा ने कहा “कल रात आई आसमानी आफत हमको स्पष्ट संकेत कर रही है कि जिस तरीके से हम देहरादून को नियोजित कर रहे हैं। आप जरा कल्पना करिए जो बादल सहस्त्रधारा क्षेत्र में फटा, यदि वह रिस्पना या बिंदाल क्षेत्र में फटा होता तो तबाही का क्या मंजर होता? नदी के नाले-खाले जितने हैं, सब ऐसे लोगों के हवाले कर दिए हैं जो रातों-रात करोड़पति, अरबपति बनना चाहते हैं।”

देहरादून की धारण क्षमता का नहीं किया है आकलन: हरदा

हरदा ने आगे कहा “उत्तराखंड की जमीनों को करोड़पति और अरबपति तैयार करने की मशीन बना दिया गया है। हम भूकंपीय दृष्टिकोण से भी जोन 5 जोन में हैं, अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र हैं। हमने राजधानी की धारण क्षमता का आकलन नहीं किया है तो हम मसूरी, नैनीताल, अल्मोड़ा आदि स्थानों की धारण क्षमता क्या अध्ययन करवाएंगे? अंधाधुंध होड़ लगी हुई है, कहीं कोई नियंत्रण नहीं है। जब शीर्ष में ही स्वनियंत्रण नहीं है तो नीचे कहां नियंत्रण होंगे?”

Harish rawat ने कहा “कल सहस्त्रधारा सहित dehradun के कई क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। सहस्त्रधारा में दो से अधिक लोगों के गायब होने की खबर है। यह सारी स्थितियां चिंताजनक हैं। पहले भी सौंग नदी जो तबाही आई थी उसकी बर्बादी का मंजर पूरे उत्तराखंड ने देखा और इस बार बगल में सहस्त्रधारा क्षेत्र में तबाही आई है तो हमें सावधान रहना है।”

हरदा ने सरकार को दी गलतियों को सुधारने की सलाह

हरदा ने कहा “हमसे प्रकृति कह रही है कि “Act fast, Act just Now”, लेकिन हम एक आपदा आ रही है, कुछ दिनों बाद बयान देकर के और उन आपदा पीड़ितों से मिलकर के आगे बढ़ जा रहे हैं। मगर जब दूसरी आपदा आ रही है, फिर हम अपने पुराने ही बयानों को दोहराने का काम कर रहे हैं। हमें अपनी भूलों को स्वीकार करना पड़ेगा, गलतियों को सुधारना पड़ेगा।