फेसबुक या इंस्टाग्राम में दिए विज्ञापन पर क्लिक करने पर हो सकता है अकाउंट खाली, पढ़ लें ये खबर

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उत्तराखंड एसटीएफ को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. एसटीएफ की टीम ने सोशल मीडिया में विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाईन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों को ठगने वाले दो आरोपियों को अरेस्ट किया है. आरोपी धोखाधड़ी के लिए अन्य व्यक्तियों के खातों का प्रयोग कर धोखाधड़ी को अंजाम देते थे.


एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उधम सिंह नगर निवासी पीड़ित ने जून में तहरीर सौंपी थी. तहरीर में पीड़ित ने बताया था कि उसने फेसबुक में एक ऑनलाईन ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन देखा. जिसके लिंक पर क्लिक करने पर पीड़ित को एक अज्ञात वाट्सअप ग्रुप से जोड़ा गया. चेकिंग करने के बाद शिकायतकर्ता को एक अन्य लिंक के माध्यम से Goldman Sachs India Pvt. Ltd नाम के ग्रुप में ऐड किया गया.

पीड़ित ने बताया उस ग्रुप में पहले से जो लोग जुड़े थे उन्होंने ग्रुप में अपने प्रॉफिट की धनराशि के स्क्रीनशॉट शेयर किये थे. इसके साथ ही ऑनलाईन स्टाक मार्केट शेयर खरीदे और बेचे जाने की जानकारी साझा की थी. आरोपियों ने पीड़ित को झांसे में लेकर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने के लिए व्हाटसप के माध्यम से उपलब्ध कराये अलग-अलग बैंक अकाउंट में 53 लाख रुपए जमा करा दिए.

कम समय में अधिक मुनाफे का लालच लेते थे ठग
आरोपियों ने पीड़ित को ऑनलाईन शेयर मार्केटिंग में अधिक मुनाफे का लालच दिया और इसमें निवेश करने पर शिकायतकर्ता को कम समय में अधिक मुनाफे का भरोसा देकर ठगी को अंजाम दिया. एसएसपी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच करने के निर्देश दिए. जांच में पता चला की आरोपी पीड़ित से अन्य लोगों के खातों का प्रयोग कर धोखाधडी करते थे.

पुलिस ने डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड और मुख्य आरोपी गुरप्रीत सिंह निवासी ऊधमसिंहनगर और प्रेमशंकर निवासी उत्तर प्रदेश को उधम सिंह नगर के रुद्रपुर से अरेस्ट किया. जांच में सामने आया कि आरोपी गुरप्रीत सिंह भारत से बाहर विदेशी साईबर अपराधियों से लगातार सम्पर्क में है. इसके साथ ही वह पूर्व में दुबई की भी यात्रा कर चुका है.

ऐसे देते थे ठग वारदात को अंजाम
आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी. आरोपी वाट्सअप ग्रुप में इन्वेस्ट करने के नाम पर मुनाफा होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजा करते थे. जिससे ग्रुप के जुड़े लोग ठगों के झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर दें.

इन्वेस्ट की गई धनराशि में मुनाफा दिखाने के लिए आरोपी एक फर्जी लिंक का इस्तेमाल करते थे. जिसमें इनके नाम के बनाये गये फर्जी खतों में इन्वेस्ट की गई धनराशि मुनाफा सहित पीड़ित को दिखायी देती थी. जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था.

विड्राल के नाम पर यह साईबर अपराधी पीड़ित के खाते में कभी-कभी कुछ छोटी धनराशि भी भेज देते थे. जिससे पीड़ित को अपने साथ हो रही धोखाधड़ी का अंदेशा नही हो पाता था.आरोपी धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उस धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर किया जाता था. ठग इस काम के लिए अन्य लोगों के चालू खाते खुलवाकर खुद इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव कराकर, इन्टरनेट किट प्राप्त कर लॉग-इन आडी पासवर्ड क्रिएट कर ठगी करते थे.