अगर आप भी खर्च करते हैं ज्यादा बिजली, तो पढ़ लें ये खबर, वरना कट सकता है आपका कनेक्शन

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अक्सर हम लाइट खुली छोड़ देते हैं या कभी गीजर खुला छोड़ देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाएं वरना आपका कनेक्शन कट सकता है। ज्यादा बिजली खर्च करने पर बिजली की भारी मांग के बीच कटौती पूरे मोहल्ले की नहीं होगी बल्कि सिर्फ आपके घर की होगी।


मानक से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि ऐसे उपभोक्ताओं से यूपीसीएल मुख्यालय से ही सीधे कटौती होगी। इसके लिए प्लान भी बना लिया गया है। मई के महीने से बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने शुरू होंगे। इससे हर बिजली मीटर की अलग से मॉनिटरिंग की जाएगी।

15 लाख से ज्यादा घरों में लगेंगे प्रीप्रेड मीटर
अब प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग योजना के तहत 15 लाख 87 हजार 870 बिजली उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगने जा रहे हैं। जो कि मई के महीने से काम करना शुरू करेंगे। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी में मई से इनकी शुरूआत हो जाएगी। बता दें कि इसका इसका कंट्रोल रूम यूपीसीएल मुख्यालय में बनेगा।

बिजली खपत ज्यादा होने पर भेजा जाएगा संदेश
प्रीप्रेड मीटर लगने के बाद इसमें रिचार्ज किया जाएगा। इसमें मोबाइल की ही तरह बिजली खपत के हिसाब से कटौती होती रहेगी। इसमें सबसे खास बात ये है कि प्रीप्रेड मीटर लगने के बाद हर महीने का बिजली बिल का हिसाब होगा। इसके लगने के बाद बिलों की अवधि या शुल्क से संबंधित सभी विवाद खत्म हो जाएंगे। उपभोक्ताओं को प्रतिभूति राशि भी नहीं देनी होगी।

बता दें कि जो प्रतिभूति राशि पहले से जमा की गई है उसे वापस लौटा दिया जाएगा। प्रीप्रेड मीटर का रिचार्ज खत्म होने के बाद एक निश्चित अवधि तक ही बिजली आपूर्ति होगी। उस अवधि के खत्म होने के बाद ये खुद बंद हो जाएगी।

ये समस्याएं हो जाएंगी खत्म
प्रीप्रेड मीटर लगने के बाद बिजली कनेक्शन जोड़ने, काटने, मीटर रीडिंग लेने, बिल पहुंचाने, बिल भुगतान देरी पर जुर्माने लगाने जैसी परम्पराएं ख्तम हो जाएंगू। इसके सात ही उपभोक्ताओं को होने वाली समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी। इसके साथ ही आने वाले समय में सभी उपभोक्ताओं को एक साथ बिजली कटौती से नहीं जूझना पड़ेगा।

आपको बता दें कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिजली विभाग को ये पता चल जाएगा कि कौन उपभोक्ता मानकों से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल कर रहा है। जिसके बाद पहले तो बिजली विभाग उस उपभोक्ता चेतावनी संदेश भेजेगा। इसके बाद बिजली कटौती शुरू कर देगा।