घटते जंगलों से कैसे बढ़ी हरियाली? भारत में वन स्थिति रिपोर्ट पर क्यों उठे सवाल ?

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India State of Forest Report 2023

हाल ही में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2023 की वन स्थिति रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में ये दावा किया गया कि देश के अलग अलग हिस्सों में 2021 के कंपैरिज़न में जंगलों के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन क्या सच में जंगलों की सेहत में सुधार हुआ है या ये सिर्फ आंकड़ों का खेल है? चलिए इस आर्टिकल में ये समझते हैं।

2021 के मुकाबले हरियाली में हुआ है इजाफा

2023 की वन स्थिति की इस रिपोर्ट में देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जंगलों का डेटा है। जिसमें बताया गया है की देश में 2021 के मुकाबले 2023 में हरियाली में कुल 1445 Sq KM का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में देश का फॉरेस्ट और ट्री कवर बढ़कर 8.27 वर्ग किमी हो गया है। जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 25 फीसदी से ज्यादा है।

अगर इसका कंपैरिज़न 2021 से किया जाए तो ये 24.62 फीसदी था। यानी दो सालों के अंदर देश में फॉरेस्ट और ट्री कवर आधा फीसदी बढ़ा है। जो लगभग एक हजार चार सौ पैंतालीस वर्ग किमी के बराबर है।

इसी तरह अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग आंकड़े हैं। अब सवाल ये की इस रिपोर्ट में जो डेटा दिया गया है। जिससे ऐसा लग रहा है कि देश में जंगलों के हालात सुधार रहे हैं वो कहां तक सही है। इसे समझने के लिए हमें सबसे पहले फॉरेस्ट कवर और ट्री कवर को समझना होगा।

क्या है ट्री कवर?

दरअसल ट्री कवर एक हेक्टियर से छोटे इलाके होते हैं जहां पेड़ मौजूद हों। ये किसी भू खुली जगह पर हो सकते हैं। खेतों में, सड़क के किनारे, बगीचों में पार्कस के साथ साथ एग्रोफोरेस्ट्री प्रोजेक्टस और वृक्षारोपित जमीन भी इसी के अंदर आती है।

फॉरेस्ट कवर एक हेक्टियर से बड़े जंगल के इलाके होते हैं। जहां बायोडाइवर्सिटी हो, झरने, नम मिट्टी, कीड़े मकौड़ों के साथ वो सब हो जो जंगल का नाम सुनते ही आपके दिमाग में आ रहा है। अब आपको थोड़ा फॉरेस्ट कवर के बारे में थोड़ा और बताते हैं।दरअसल फॉरेस्ट की Quality का Classification कैनोपी डेनसीटी के हिसाब से किया जाता है।

साल 2023 में क्या है आंकड़े?

70 फीसदी या उससे ज्यादा कैनोपी डेनसीटी वाले जंगल dense forest होते हैं। 70-40 फीसदी कैनोपी वाले medium dense forest और 40 फीसदी से कम कैनोपी वाले ओपन फोरेस्ट (Open Forest)। ताजा रिपोर्ट के आंकड़ों की मानें तो भारत ने 2021 और 2023 में अपने dense forest और medium dense forest  का 3656 वर्ग किमी हिस्सा खो दिया।

लेकिन अगर हम देश के आंकड़े देखें तो देश में हरियाली लगभग एक हजार चारसौ पैंतालीस वर्ग किमी बढ़ गई है। तो अब आपको थोड़ा साफ हुआ होगा की रिपोर्ट में जो एक हजार चार सौ पैंतालीस वर्ग किमी की बढ़ोतरी दिखाई गई है। वो ट्री कवर की है जो – एक हजार दो सौ नवासी वर्ग किमी के बराबर है और फॉरेस्ट कवर में जो इजाफा हुआ है वो सिर्फ 156 वर्ग किमी है।

उदाहरण से समझिए आंकड़े

जिससे ये साफ पता लगता है की प्लांटेशन और ऐग्रो फोरेस्ट्री से जो हरियाली बढ़ी है वो नैचुरल जंगलों के कंपेरिजन में 8 गुना ज्यादा है। अब एक उदाहरण के जरिए इसे आपके लिए थोड़ा और आसान कर देते हैं। 2023 की इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को फॉरेसट ट्री कवर में सबसे ज्यादा तरक्की करने वाला राज्य बताया गया है तो चलिए छत्तीसगढ़ को ही उदाहरण लेकर समझते हैं की आखिर इन आंकड़ों में क्या खास है? छत्तीसगढ़ में तकरीबन 20 वर्ग किमी फॉरेस्ट कवर घटा है। लेकिन ट्री कवर में करीब 702 वर्ग किमी का इजाफा हुआ है।

ट्री कवर को जोड़कर दिखाए गए है आंकड़े

अब इस रिपोर्ट में दिए गए डाटा में दोनों फॉरेस्ट कवर और ट्री कवर को जोड़कर आंकड़े दिए गए तो इस वजह से ये हरा भरा दिखाई दे रहा है। इसी के साथ साथ इसका एक रीजन बेहतर टेक्नोलॉजी भी है। क्योंकि नई तकनीकों और बेहतर मैपिंग के जरिए अब ऐसे इलाकों की भी मैपिंग हो जाती है जो पहले कवर नहीं हो पाते थे।

इससे भी हरियाली बढ़ी हुई दिखी है। तो इसका मतलब ये नहीं है की जंगलों में सच में कोई बढ़ोतरी हुई है। आज भी देश में फॉरेस्ट कवर लगातार कम होता जा रहा है, और यह रिपोर्ट सिर्फ आंकड़ों के खेल से जंगलों की स्थिति को बेहतर दिखाने का प्रयास लग रही है