कैसे हो समस्या का समाधान ?, नहीं लग रहा जनता दरबार, मंत्रियों ने दे दिए ये तर्क

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त्रिवेंद्र सरकार के समय भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाए जाने का सिलसिला शुरू हुआ था। खुद सीएम रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जहां कई बार भाजपा कार्यालय में जनता दरबार लगाए। तो वही मंत्रियों के लिए भी अनिवार्य रूप से भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाया जाना सुनिश्चित था। लेकिन अब भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाए जाने का दूर-दूर तक कोई कार्यक्रम नजर नहीं आ रहा है। जिस कारण जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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उत्तराखंड में 2017 में जब भाजपा की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आई थी तो मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा मंत्रियों को कई जिम्मेदारियों के साथ जनता की समस्याओं को सुनने को लेकर अतिरिक्त दी गई थी। भाजपा प्रदेश कार्यालय में जहां खुद मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता दरबार लगाए जाने की शुरुआत की थी तो वही मंत्रियों को भी भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार अनिवार्य रूप से लगाना था। लेकिन त्रिवेंद्र रावत की मुख्यमंत्री बदलने के बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में जनता दरबार लगाने का कार्यक्रम भी स्थगित हो गया है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा मंत्रियों को विधानसभा में बैठने के लिए भी दिन सुनिश्चित किए गए थे ताकि जो आम जनता विधानसभा में मंत्रियों से अपने काम करवाना चाहे वो विधानसभा में भी मंत्रियों के पास जाकर काम करवा सकते थे। लेकिन फिलहाल इस समय ऐसी कोई व्यवस्था ना तो भाजपा प्रदेश कार्यालय में और ना ही विधानसभा में जारी है। केवल मंत्री या तो अपने आवास पर और या फिर जनपदों के भ्रमण पर ही जनता की समस्याओं को सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं। जिस कारण आम जनता परेशान है।

दरबार को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा ये
भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार न लगाए जाने के सवाल पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि जनता दरबार का विषय भाजपा प्रदेश कार्यालय में बनता ही नहीं है। क्योंकि आम जनता पार्टी कार्यालय में नहीं आती है और इसलिए कार्यकर्ताओं के माध्यम से ही जानता के काम किए जाते हैं।

महेंद्र भट्ट का कहना है कि जनता की शिकायतें सुनी जाती हैंऔर उनका समाधान किया जाता है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी आम जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं। ऑनलाइन हो या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से सीएम जनता की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। इसके साथ ही मंत्री अपने आवास पर भी और जब जनपदों की भ्रमण पर जाते हैं तो जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दिया ये तर्क
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ही भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाए जाने की उद्देश्य के पीछे सवाल नहीं उठा रहे हैं बल्कि धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी कुछ इसी तरीके से तर्क दे रहे हैं। उनका कहना है कि मंत्री सभी लोगों के लिए मंत्री होता है चाहे वो सत्ताधारी दल का हो या फिर दूसरे दालों के कार्यकर्ताओं का इसलिए पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगाए जाने से दूसरे राजनीतिक दल से ताल्लुक रखने वाले लोग भी भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता की समस्याओं को लेकर नहीं पहुंचते हैं। इसलिए वो खुद अपने आवास पर भी सभी राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों और आम जनता की समस्याओं को सुनते और उनका समाधान करते हैं।

जनता दरबार को लेकर उठ रहे सवाल
भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाए जाने के फैसले पर जहां अब सवाल उठ रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ वर्तमान हालातो को देखते हुए पार्टी जनता दरबार प्रदेश मुख्यालय में लगाने के पक्ष में नहीं है। लेकिन धामी सरकार के कुछ मंत्री तो आम जनता की सेवा में तत्पर नजर आते हैं।

कुछ मंत्री ऐसे भी हैं जिनसे मिलना आम जनता के लिए रोजाना मिलन बड़ा मुश्किल सा रहता है। कई दिनों तक भटकने के बाद उन्हें मंत्री मिलते हैं। ऐसे में अगर भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगता तो उन्हें भटकने की बजाय प्रदेश कार्यालय में अपनी समस्या का समाधान मिल जाता हैं