यहाँ इस वजह को लेकर संत ने किया आत्मदाह सरकार आई बैकफुट पर

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भरतपुर एसकेटी डॉट कॉम

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भरतपुर जिले की एक घटना ने राजस्थान सरकार को बैकफुट पर खड़ा कर दिया है. भरतपुर जिले के पछुवा गांव में अनशन पर बैठे बैठे संत विजय दास ने अवैध खनन को रोकने की मांग को लेकर आत्मदाह कर दिया जिसके बाद वह गंभीर अवस्था में 80% जल गई उन्हें राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

राजस्थान में भरतपुर जिले के पसोपा गांव में पहाड़ियों पर अवैध खनन रोकने की मांग को लेकर पिछले एक साल से चल रहा साधु-संतों का आंदोलन अब तेज होता जा रहा है। बुधवार को आंदोलन में शामिल संत बाबा विजय दास (65) ने खुद को आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की । सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे पुलिसकर्म विजय दास को स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचे जहां से उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया है।विजय दास 80 फीसदी झुलस गया,उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। विजय दास लंबे समय से आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। बुधवार को आंदोलन स्थल पर वे अपने साथ पेट्रोल की बोतल लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अचानक खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली । वे बरसाना के निवासी हैं। एक साधु नारायण दास मंगलवार से मोबाइल टावर पर बैठे हैं। उन्हे नीचे उतारने को लेकर प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी समझाइश में जुटे हैं। लेकिन नारायण दास ने अवैण खनन,पेड़ों की अवैध कटाई बंद होने तक नीचे उतरने से इंकार कर दिया है। वे पूरी रात टावर पर ही बैठे रहे। साधु-संत और स्थानीय ग्रामीणों के साथ एक साल से धरना दे रहे हैं।

राज्य सरकार के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने संतों से बात करने का प्रयास किया । लेकिन संतों ने अवैध खनन बंद होने तक किसी से बात करने से इंकार कर दिया है। आंदोलन फैलता देखकर भरतपुर के संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने पांच तहसीलों इंटरनेट बंद करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने चौकसी बढ़ाईखुद को आग लगाने वाले बाबा हरिबोल ने रविवार को आत्मदाह की चेतावनी दी थी । लेकिन इसके बावजूद प्रशासन सतर्क नहीं हुआ। बुधवार सुबह बाबा विजय दास धरना स्थल पर पहंचा और बाला कि अब मेरी मृत्यु का समय निश्चित हो चुका है,जिसे कोई बदल नहीं सकता है। मेरा बृजभूमि की सेवा और रक्षा के लिए मरना तय है।मेरी मौत की जिम्मेदार राजस्थान सरकार होगी । इसके बाद बाबा विजय दास ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली । मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और ग्रामीण उन्हे डीग के अस्पताल लेकर पहुंचे ।

चिकित्सकों ने उन्हे भर्ती कर इलाज प्रारम्भ किया है। लेकिन उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है ।उल्लेखनीय है कि साधु-संत बृज चौरासी कोस की परिक्रमा क्षेत्र में आने वाले कनकाचल और आदि बद्री पर्वत में हो रहे अवैध खनन और पेड़ों की कटाई बंद करने की मांग कर रहे हैं। संतों का कहना है कि आदि बद्री पर्वत में भगवान बद्री के दर्शन होते हैं, जबकि कनकाचल पर्वत में कई पौराणिक अवशेष हैं। जिनकी श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं।

सीएम ने बैठक ली

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अवैध खनन को लेकर बैठक ली । उन्होंने अवैध खनन करने वालों की सूची तैयार कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला पुलिस अधीक्षकों को अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है। उधर खनन मंत्री प्रमोद जैन ने कहा कि संत जिसे अवैध खनने बता रहे हैं उसकी लीज सरकार ने दे रखी है। वहां वैध खनन हो रहा है। लेकिन फिर भी लीज को दूसरी जगह स्थानांतरित करने पर विचार किया जा रहा है।