हरीश रावत और कुंजवाल एक दूसरे को पाक साफ बताने में लगे
विधानसभा में भर्तियों के मसले पर जहां एक और पिछली बीजेपी सरकार सवालों के घेरे में है तो वहीं उसके ठीक पहले की विधानसभा भी सवालों के घेरे में आ चुकी है। 2012 से 2017 के बीच कांग्रेस की सरकार थी और विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर गोविंद सिंह कुंजवाल थे। इस दौरान पहले विजय बहुगुणा और बाद में हरीश रावत ने सीएम का पद संभाला। अब कुंजवाल के दौर में भी विधानसभा में बड़े पैमाने पर नियुक्तियों का मसला सामने आ रहा है तो उस दौरान सीएम रहे हरीश रावत उनके बचाव में उतरे हैं।
दिलचस्प ये भी है कि कुंजवाल भी लगातार अपने बयानों में हरीश रावत को पाक साफ बता रहें हैं।
गोविंद सिंह कुंजवाल ने सोमवार को मीडिया के साथ बातचीत में कहा था कि उन्होंने जो भी नियुक्तियां की वो सभी नियमानुसार थीं और संविधान में प्रदत्त अधिकार के तहत हुईं थीं। इस बयान के साथ ही गोविंद सिंह कुंजवाल ने ये भी जोड़ा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनसे किसी भी नियुक्ति के लिए सिफारिश नहीं की।
वहीं अब हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी है। इस पोस्ट में उन्होंने गोविंद सिंह कुंजवाल को पाक साफ बताने की कोशिश की है। हरीश रावत ने इशारों इशारों में ये लिखा है। हरीश रावत लिखते हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान लोग अक्सर गोविंद सिंह कुंजवाल की शिकायत लेकर आते।
उनसे हर व्यक्ति यह अपेक्षा करता था, चाहे वह पक्ष का हो या विपक्ष का हो कि उसके खास व्यक्ति को नौकरी पर लगा दे। क्योंकि उसके लिये उस व्यक्ति के ऊपर भी बहुत दबाव होता है। मैं, कुंजवाल जी से कहना चाहता हूं आपने कर्म किया है और आपको यह खुशी होनी चाहिए..
एक तरह से देखा जाए तो ये दोनों ही कोशिशें एक दूसरे को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देने जैसी लगती हैं लेकिन यहां दिलचस्प ये भी है कि गोविंद सिंह कुंजवाल खुद ही ये मान चुके है कि उन्होंने कई नेताओं, मंत्रियों अधिकारियों के रिश्तेदारों को नियुक्त किया है।
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