हल्द्वानी:गौला नदी ने मचाया तांडव, कई मकान और कृषि भूमि आये नदी के चपेट में-देखे वीडियो

Ad
ख़बर शेयर करें


हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में पिछले दो दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं. पहाड़ों पर हुई भारी बरसात के चलते सिंचाई विभाग ने काठगोदाम बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा है जिसके चलते कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी ने विकराल रूप धारण किया है. नदी के विकराल रूप धारण करने से इसका सबसे अधिक असर बिंदु खाता और उधम सिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है जहां नदी के पानी से लगातार भू काटा हो रहा है. गोला नदी ने अपना रुख ग्रामीण क्षेत्र की ओर कर दिया है जिसके चलते बिन्दुखत्ता के ग्रामीण इलाकों में खतरा पैदा हो गया है.


नदी ने सबसे अधिक नुकसान बिन्दुखत्ता के इंदिरा नगर इलाके में किया है जहां किसने की बड़ी मात्रा में कृषि भूमि को अपने चपेट में ले लिया है. यहां तक की आधा दर्जन से अधिक मकान नदी की चपेट में आ गए हैं जहां जिला प्रशासन ने मकान को खाली कर दिया है. कुछ लोग अपने हाथों से अपने मकान को तोड़कर जरूरी सामान और ईट निकालने को मजबूर है. जिला प्रशासन ने सभी लोगों से मकान खाली का सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा है.

video link-https://youtube.com/shorts/3Jkx3ZFlFQQ?si=E_RU0BPQNhBzD0N6

ग्रामीणों का आरोप है कि नदी लगातार किसने की भूमि और मकान को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है लेकिन जिला प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. पिछले वर्ष भी नदी ने ग्रामीण क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचा था लेकिन नदी में बनाए गए सुरक्षा तटबंध अभी तक नहीं बन पाया है कुछ जगह पर तटबंध बनाए गए थे लेकिन उनकी क्वालिटी ठीक नहीं होने के चलते नदी के बहाव में बह गए. जिसका खामियाजा ग्रामीण को उठाना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है की नदी ने उनकी कई एकड़ भूमि को नुकसान पहुंचा है नदी के किनारे रहने वाले लोग रात भर जगाकर अपनी रात गुजर रहे हैं.

नदी हर साल ग्रामीण इलाकों की ओर अपना रुख कर रही है जिसका नतीजा है कि इस बार भी नदी ने काफी नुकसान पहुंचा है. ग्रामीणों का कहना है की हालत ऐसा ही रहा तो नदी के किनारे रहने वाले ग्रामीणों को यहां से अपने घर बार छोड़कर पलायन करना पड़ेगा. ग्रामीणों का आरोप है कि इतना नुकसान होने के बाद भी जनप्रतिनिधि उनकी खैर खबर लेने नहीं पहुंचे. कई किसान ऐसे हैं जिनकी भूमि पूरी तरह से नदी में समा चुकी है ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है