गोविंद कुंजवाल का कबूलनामा, हां दी है बेटे – बहू को नौकरी
हल्द्वानी। विधानसभा में चहेतों को नौकरी दिए जाने के मामले में अब और कबूलनामा सामने आ गया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी माना है कि उन्होंने अपने बेटे और बहू को विधानसभा में नौकरी दी है।
आज पत्रकारों के साथ बातचीत में गोविंद सिंह कुंजवाल ने माना है कि उन्होंने भी अपने बेटे और बहू को विधानसभा में नौकरी दी है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे और बहू बेरोजगार थे और पढ़े लिखे थे लिहाजा उन्होंने तदर्थ नियुक्ति दे दी। कुंजवाल ने ये भी दोहराया कि उनके कार्यकाल में 158 लोगों को तदर्थ नियुक्ति मिली है और उनमें से कई लोग ऐसे हैं जो कांग्रेस और बीजेपी नेताओं की सिफारिश पर आए हैं।
कुंजवाल ने कहा है कि ये परिपाटी लंबे समय से चली आ रही है। राज्य के पहले विधानसभा अध्यक्ष से लेकर प्रेमचंद अग्रवाल से लेकर सभी विधानसभा अध्यक्षों के कार्यकाल में ऐसी नौकरियां दी गईं हैं। गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा है कि अगर सरकार चाहे तो पहली विधानसभा से लेकर अब तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों की उच्चस्तरीय जांच करा ली जाए। सब कुछ साफ हो जाएगा।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर नामों की एक लिस्ट भी वायरल हो रही है। इस लिस्ट में कई ऐसे नाम हैं जिनका सरनेम कुंजवाल है। दावा किया गया है कि ये उन लोगों की लिस्ट है जिनकों गोविंद सिंह कुंजवाल ने नौकरी दी। इस मसले पर कुंजवाल ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि हर कुंजवाल उनका रिश्तेदार नहीं है।
गोविंद सिंह कुंजवाल ने माना है कि उनके कार्यकाल में उनके विधानसभा क्षेत्र से 20 -25 लोगों को विधानसभा में नौकरी दी गई है लेकिन कुंजवाल की माने तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष को संविधान के अनुच्छेद 187 से इस बात का अधिकार मिला है कि वो जरूरत के आधार पर नियुक्ति कर सके।
पूर्व विस अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान हुई नियुक्तियों को लेकर कुछ लोग हाईकोर्ट गए थे, लेकिन हाईकोर्ट ने इन नियुक्तियों को सही करार दिया। इसके बाद कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए। वहां भी तमाम नियुक्तियों को सही ठहराया गया।
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