कुत्ता एक, मालिक दो… पुलिस का घूमा दिमाग, कुछ यू हुआ डॉग के मालिक का फैसला

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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आ रहा है। जहां पर एक पालतू कुत्ते को लेकर दो परिवारों के बीच बहस हो गई। इस एक कुत्ते पर दो परिवार अपना मालिकाना हक बता रहे है। विवाद पुलिस थाने तक पहुंच गया।

जिसके बाद पुलिस द्वारा कुत्ते को कब्जे में लिया गया। पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों से कुत्ते के मालिक होने का सबूत मांगा। इस मामले के चलते थाने में भी भीड़ जमा हो गई। पुलिस का भी माथा घूम गया। हालांकि आखिर में कुत्ते का असली मालिक कौन है इसका पता पुलिस ने लगा लिया। चलिए पूरा मामला जान लेते है।

कुत्ता एक, मालिक दो… पुलिस का घूमा दिमाग

दरअसल कुंडौरा गांव के किसान श्रीपत कुशवाहा का लेब्राडोर अचानक गायब हो गया। कुछ दिन बाद पता चला कि सुमेरपुर कस्बे में रहने वाले घनश्याम यादव ने कुत्ते को अपने पास रख लिया है। दोनों परिवारों ने कुत्ते पर अपना मालिकाना हक जताया और मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया। पुलिस ने तुरंत दोनों पक्षों से सबूत मांगे और थाने में लोगों की भीड़ जमा हो गई।

पुलिस ने एक अनोखा तरीका अपनाया

पुलिस ने मामले की जांच के लिए अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने कुत्ते को खुला छोड़ा और दोनों परिवारों से एक-एक कर उसे बुलाने को कहा। पहले घनश्याम यादव ने ‘भूरा’ नाम से कुत्ते को पुकारा, तो कुत्ता तुरंत उनके पास गया। फिर श्रीपत कुशवाहा ने भी वही नाम पुकारा, और कुत्ता उनके पास भी दौड़ गया। ये देखकर पुलिसकर्मी और वहां मौजूद लोग हैरान रह गए कि आखिर यह कुत्ता किसका है।

कुछ यू हुआ डॉग के मालिक का फैसला

पुलिस ने फिर रेबिज का इंजेक्शन लगाने वाले डॉक्टर को बुलाया। जिसने कुत्ते की पहचान की। डॉक्टर ने पुष्टि की कि कुत्ता घनश्याम यादव का ही है। इसके बाद कुत्ता सुरक्षित रूप से घनश्याम के पास लौट गया।

घनश्याम यादव ने बताया कि वो पिछले एक साल से इस लेब्राडोर की देखभाल कर रहे हैं। आसपास के लोग इसकी पुष्टि कर सकते हैं। वहीं श्रीपत कुशवाहा की बेटी शेजल कुशवाहा ने कहा कि उनका परिवार कुत्ते को पिछले सात महीने से पाल रहा था और उनका कुत्ता कभी घर से बाहर नहीं गया था।