23 सालों से फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे सरकारी नौकरी कर रहे सहायक अध्यापक पर गिरी गाज

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फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे राजकीय प्राथमिक विद्यालय में 23 सालों से नौकरी कर रहा सहायक अध्यापक को जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) ने किया बर्खास्त।
जसपुर। उधमसिंह नगर जनपद के जसपुर में 23 वर्षों से फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहे शिक्षक को जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) ने बर्खास्त कर दिया है।जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा हरेंद्र कुमार मिश्र ने अपने आदेश में कहा है कि हरगोविंद सिंह की सहायक अध्यापक राजकीय प्राथमिक स्कूल रामजीवनपुर में मृतक आश्रित श्रेणी के अंतर्गत नियुक्ति सितंबर वर्ष 2000 में हुई थी। नियुक्ति पाने के लिए हाई स्कूल, इंटरमीडिएट तथा अदीव ए कामिल जामिया उर्दू अलीगढ़ के प्रमाण पत्र लगाए थे।


कार्यालय खंडाधिकारी अनुसंधान विभाग देहरादून ने 23 नवंबर 2017 द्वारा महानिदेशक विद्यालय शिक्षा देहरादून को अवगत कराया था कि उसने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी प्राप्त की है। इस पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने दूसरे पक्ष को भी सुनवाई का अवसर देते हुए कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। 30 नवंबर 2017 को आरोप पत्र जारी कर सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया गया।

जिला शिक्षा अधिकारी मिश्रा ने बताया है कि आरोपी सहायक अध्यापक को 30 जून 2020 को बर्खास्त कर दिया गया। इसके खिलाफ आरोपी शिक्षक न्यायालय चला गया। इस पर न्यायालय ने कहा कि उत्तराखंड सरकारी सेवक नियमावली के अनुसार बर्खास्तगी नहीं की गई है जिस पर विभाग ने आरोपी सहायक अध्यापक को बहाल करते हुए उसके शैक्षिक अभिलेखों की पुनः जांच करने के आदेश उप शिक्षा अधिकारी को जांच दिए थे।

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उप शिक्षा अधिकारी की जांच में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा निर्गत हाईस्कूल, इंटरमीडिएट एवं उर्दू जामिया अलीगढ़ की ओर से निर्गत अदीव ए कामिल के प्रमाण पत्र कूटरचित पाए गए। इस आधार पर उत्तराखंड सरकारी सेवक नियमावली 2003 के अंतर्गत आरोपी सहायक अध्यापक को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।