उत्तराखंड की पहली food delivery girl बनी मनीषा, बेटियों का भविष्य संवारने के लिए करती हैं 17 घंटे काम

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अक्सर आप भी ऑनलाइन फूड ऑर्डर करते होंगे। जिसे डिलीवर करने के लिए डिलीवरी बॉय आते होंगे। लेकिन अगर कभी डिलीवरी करने आपके दरवाजे पर कोई लड़की पहुंचे तो चौंकना मत। क्योंकि वो उत्तराखंड की पहली डिलीवरी गर्ल मनीषा हो सकती हैं।

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जी हां डिलीवरी गर्ल मनीषा। जो मेहनत करके अपने परिवार को पालने के लिए फूड डिलीवरी का काम करती हैं। जितना सुनने में चौंकाने वाला है उतना ही मुश्किलों भरा मनीषा का यहां तक पहुंचने का सफर है।

उत्तराखंड की पहली फूड डिलीवरी गर्ल बनी दो बच्चों की मां

टनकपुर की रहने वाली मनीषा उत्तराखंड की पहली फूड डिलीवरी गर्ल बन गई हैं। मनीषा दो बच्चों की मां है और अपने बच्चों के लिए ही मनीषा ने ये काम शुरू किया है। आज मनीषा और महिलाओं के लिए भी एक मिसाल बन गई है।

इन दिनों सोशल मीडिया पर मनीषा की फोटो काफी वायरल हो रही है। जिसके बाद मनीषा के बारे में जानने को हर कोई उत्सुक है। कि आखिर कैसे मनीषा ने ये सफर तय किया है।

टनकपुर की रहने वाली मनीषा रूद्रपुर में करती हैं काम

सोशल मीडिया पर इन दिनों छा रही मनीषा टनकपुर की रहने वाली हैं। उनके दो बेटियां भी हैं। मनीषा के बच्चे अपने नाना-नानी के घर पर रहकर पढ़ाई करते हैं। जबकि मनीषा अपने बच्चों से दूर रहकर रूद्रपुर में किराए के मकान में रहकर फूड डिलीवरी का काम करती है।

सुबह सात बजे से 12 बजे तक करती हैं काम

मनीषा अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए दिन-रात मेहनत करती हैं। वो सुबह सात बजे से लेकर रात के 12 बजे तक फूड डिलीवरी का काम करती है। अपनी मेहनत के कारण आज मनीषा दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं।

कोई काम छोटा नहीं होता

मनीषा का मानना है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है। मनीषा कुछ महीने पहले काम की तलाश में रूद्रपुर आई थी। लेकिन कंपनियों में काम करने पर छुट्टी मिलने में दिक्कत होती है। जिसके बाद मनीषा को एक दिन काशीपुर बाइपास रोड से गुजरते समय फूड डिलीवरी ब्वाॅय दिखा। जिसे देख उनके मन कुछ सूझा और वो खुद डिलीवरी गर्ल बन गई।

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पिता की बाइक से करती हैं डिलीवरी

जब मनीषा के दिमाग में ये बात आयी कि वो फूड डिलीवरी करेगी तो उसके सामने व्हीकल की दिक्कत खड़ी हो गई। जिसके बाद उन्होंने अपने पिता की वाइक मांग ली। पिताकी बाइक से ही मनीषा फूड डिलीवरी का काम करने लगी। शुरू में रास्ते पता ना होने के कारण उन्हें कफी परेशानी हुई।

लेकिन मनीषा ने इसका सामना भी डटकर किया और अपना साथी बना लिया गूगल मैप को। जिसके बाद से मनीषा रोज सुबह सात बजे से रात 12 बजे तक रोजाना फूड डिलीवरी करती हैं