फौजी के नाबालिग बच्चों को मिला कमिश्नर का संरक्षण, उनके पैसे दिलाए ,पूर्व में भी लगा चुके हैं पेशन

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हल्द्वानी, skt. com

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कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने आज अपनी जनसुनवाई के दौरान मृतक फौजी के बच्चों को संरक्षण प्रदान करते हुए उनके चाचा द्वारा खर्च किए गए पैसे उनके खाते में लौट के निर्देश दिए इससे पहले वह इन बच्चों की पेंशन लगाने के आदेश दे चुके हैं जिसके बाद उनकी पेंशन भी लग चुकी है कमिश्नर दीपक रावत ने पेंशन लगाने के साथ ही कल्याण अधिकारी को उनके देखभाल तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए

कैम्प कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में आयुक्त/सचिव मा0 मुख्यमंत्री श्री दीपक रावत ने पेंशन, भूमि विवाद, अतिक्रमण, सिंचाई गूल, खतौनी संशोधन, मुआवजा आदि से संबंधित समस्याओं पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कई मामलों का मौके पर समाधान किया।

आयुक्त की पहल पर स्व0 भूतपूर्व सैनिक के नाबालिग बच्चों को सैनिक कल्याण विभाग द्वारा पेंशन प्रारंभ की गई

जनसुनवाई के दौरान सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (सेनि.) रमेश सिंह ने जानकारी दी कि स्व. हरीश सिंह के दो बच्चों (आयु 10 व 16 वर्ष) की पेंशन पहले ही प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि भूतपूर्व सैनिक की मृत्यु के पश्चात उनकी 8 लाख रुपये की एफडी में से 4 लाख रुपये उनके बड़े भाई प्रताप सिंह द्वारा खर्च कर दिए गए थे। इस पर आयुक्त ने जनसुनवाई में ही निर्देश दिया कि 4 लाख रुपये शीघ्र ही बच्चों के खातों में ट्रांसफर किए जाएं।

यह मामला पूर्व में भी जनसुनवाई के दौरान उठाया गया था, जब भूतपूर्व सैनिक स्व. हरीश चंद्र की 2023 में मृत्यु के बाद उनके नाबालिग बच्चों की पेंशन को लेकर संदेह की स्थिति थी। आयुक्त के निर्देशों के फलस्वरूप बच्चों को उनकी पेंशन मिलने लगी।

आयुक्त ने सैनिक कल्याण अधिकारी को यह भी निर्देशित किया कि बच्चों की देखभाल सुनिश्चित की जाए और उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का कर्तव्य केवल वित्तीय सहायता देना ही नहीं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि वे सुरक्षित और संरक्षित माहौल में बड़े हों।

भूमि विवाद से जुड़े मामलों पर आयुक्त की सख्त कार्रवाई

जनसुनवाई में भूमि विवाद से जुड़े कई मामले सामने आए। आयुक्त श्री रावत ने नागरिकों को सलाह दी कि भूमि खरीदने से पहले यह सत्यापित कर लें कि उस पर कोई ऋण तो नहीं है। उन्होंने बताया कि कई बार बंधक रखी गई भूमि को भी बेच दिया जाता है, जिससे खरीदार को रजिस्ट्री के बाद कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने राजस्व विभाग व तहसील स्तर पर भूमि की पूरी जाँच कराने पर भी जोर दिया।

इसी दौरान सीतारामपुर, काशीपुर से आए नागरिकों ने शिकायत की कि वर्ष 2012 में विजय कुमार और उनके सहयोगियों से प्लॉट खरीदे गए थे, लेकिन अब पता चला है कि जिस भूमि पर प्लॉटिंग की गई थी, वह सरकारी थी। इस गंभीर मामले पर आयुक्त ने तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधितों के खिलाफ लैंड फ्रॉड एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।

जनसुनवाई में विभिन्न मुद्दों पर शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें धनराशि वापसी, खतौनी में गलत दर्ज खेत नंबर और सिंचाई गूल बंद होने से जुड़ी समस्याएँ शामिल थीं। आयुक्त श्री दीपक रावत ने इन मामलों पर संज्ञान लेते हुए कई शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया, जबकि शेष मामलों में संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।