फास्ट फूड और मोटापा बढ़ा रहा महिलाओं में बांझपन की समस्या, कहीं आपकी ओवरी भी तो कमजोर नहीं? ऐसे करें पता

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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं कई चुनौतियों का सामना करती हैं। खराब लाइफस्टाइल और खानपान से महिलाओं में मोटापा बढ़ रहा है। जिससे आए दिन महिलाओं में बांझपन जैसी समस्याएं देखने मिल रही हैं। हाल ही में आई एक स्टडी के मुताबिक, मोटापे और जंक फूड का सीधा असर महिलाओं की प्रजनन क्षमता (infertility) पर पड़ रहा है। जिससे दिन पर दिन उनकी कोख कमजोर होती जा रही है। चलिए इस स्टडी के बारे में विस्तार से जानते है।


30-40 साल की महिलाओं की ओवरी कमजोर
भागदौड भरी जिंदगी में हम अक्सर टाइम सेव करने के लिए खाना बनाने की बजाय फास्ट फूड का सेवन कर लेते हैं। लेकिन क्या आपने ये सोचा है की यही प्रोसेस्ड या फास्ट फूड हमारी ओवरी पर कितना गंभीर असर डाल सकता है। हाल ही में King George’s Medical University के महिला रोग अस्पताल क्वीनमेरी की ओपीडी में फर्टिलिटी पर एक सर्वे किया गया। जिसमें सामने आया की एक तिहाई महिलाओं की ओवरी कमजोर है। इस सर्वे में 30-40 साल की महिलाओं की ओवरी 50-55 साल की महिलाओं के जितनी कमजोर पाई गई।

हेल्दी ओवरी कैसी होती है?
ओवरी जिसे अंडाशय भी कहा जाता है, ये फिमेल्स के प्रजनन अंग का वो पार्ट है जहां पर eggs बनते हैं। जो स्पर्म के साथ मिलकर zygot यानी की बच्चा बना सकते हैं। एक healthy Ovary 30 mm लंबी, 25mm चौड़ी और 15mm मोटी होती है।

स्टडी में ये आया सामने
दरअसल ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सटी ऑफ एडेलेड ने 5598 महिलाओं पर एक शोध किया। जिसमें सामने आया की हफ्ते में कम से कम चार बार फास्ट फूड खाने वाली महिलाओं में कभी कभार फास्ट फूड खाने वाली महिलाओं के मुकाबले बांझपन का जोखिम 16 प्रतिशत तक ज्यादा पाया गया।

इसके साथ ही रिपोर्ट की मानें तो बढ़ता Weight और लंबे समय तक जंक फूड खाने से हमारी ओवरी कमजोर होती जा रही है। Ovary के कमजोर होने से महिलाएं ना तो कंसीव कर पाती हैं। साथ ही इस दौरान मिसकैरेज, हिस्टेरेक्टॉमी और सी सेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।

कहीं आपकी ओवरी भी तो कमजोर नहीं?
ओवरी या बच्चेदानी कमजोर है तो आपका गर्भ नहीं ठहरेगा
बार बार आपका मिसकैरेज होगा
कब्ज की समस्या रहेगी
अलग तरह की ब्लीडिंग और डिस्चार्ज होगा
यूरीन इंफेक्शन और यूरीन के लीक हो जाने पर आप तुरंत डॉक्टर से मिलें
​Pre Menopause के केसीस आम!
इन दिनों 30-40 साल की उम्र वाली महिलाओं में प्री मेनोपॉज (​Pre Menopause) ज्यादा देखने मिल रहा है। मेनोपॉज वो स्टेज होती है जब ओवरी में Egg बनने बंद हो जाते हैं। साथ ही ओवरी की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है। आमतौर पर प्री मेनोपॉज महिलाओं में तब देखने मिलता है जब उन्हें कैंसर या कोई और बिमारी हो। लेकिन बिना किसी वजह से महिलाओं में प्री मेनोपॉज काफी चिंताजनक है। इसलिए इस रफ्तार भरी जिंदगी से अपने लिए भी समय निकालें और अपनी ओवरी की हेल्थ का भी खयाल रखें।