हल्द्वानी में पकड़ा गया नकली प्रमाणपत्र माफिया, सालों से बन रहे थे जाति और निवास सर्टिफिकेट!

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Haldwani fake certificate racket

हल्द्वानी में स्थाई निवास प्रमाण पत्रों के सत्यापन अभियान के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जांच में सामने आया कि अंजुमन मोमिन अंसार सोसाइटी, आज़ाद नगर नैनीताल के नाम पर अवैध रूप से फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे थे। प्रशासनिक टीम ने मौके पर कार्रवाई करते हुए सभी दस्तावेज सीज़ कर दिए हैं, जबकि मामले में FIR के निर्देश जारी किए गए हैं।

फर्जी सोसाइटी के नाम पर 17 साल से बन रहे फर्जी प्रमाणपत्र

जानकारी के अनुसार सत्यापन के दौरान एक आवेदक द्वारा प्रस्तुत कथित प्रमाणपत्र संदेहास्पद पाया गया। उसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी, एसडीएम और तहसीलदार की संयुक्त टीम ने सोसाइटी के पते का सत्यापन किया, लेकिन सोसाइटी अपने रजिस्टर पते पर मौजूद नहीं पाई गई। स्थानीय जांच में खुलासा हुआ कि रईस अहमद अंसारी, जो साहूकारा लाइन में दुकान चलाते हैं, वही लोगों को अवैध रूप से यह प्रमाणपत्र जारी कर रहे थे।

हल्द्वानी में पकड़ा गया नकली प्रमाणपत्र माफिया, सालों से बन रहे थे जाति और निवास सर्टिफिकेट!
फर्जी डाक्यूमेंट्स

2007 के बाद से रिन्यू तक नहीं हुई सोसाइटी

पूछताछ के दौरान रईस अहमद अंसारी ने स्वीकार किया कि वह साल 2007 से ऐसे प्रमाणपत्र बना रहा है। रिकॉर्ड जांच में पाया गया कि सोसाइटी साल 2007 के बाद से रिन्यू तक नहीं हुई है। सोसाइटी के अध्यक्ष और महासचिव की मृत्यु हो चुकी है और सोसाइटी पूरी तरह निष्क्रिय स्थिति में है। इसके बावजूद अवैध तरीके से प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे थे, जिनका उपयोग कई लोग जाति, जन्म और स्थाई निवास प्रमाणपत्रों के आधार के रूप में कर रहे थे।

सोसाइटी के पास नहीं था प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार

प्रशासन ने कहा है कि सोसाइटी के पास किसी भी प्रकार के प्रमाणपत्र जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था। सिटी मजिस्ट्रेट ने तहसीलदार को निर्देश दिए कि ऐसे प्रमाणपत्रों के आधार पर बनाए गए सभी जाति प्रमाणपत्रों की तत्काल जांच की जाए।

टीम ने संबंधित सभी दस्तावेज़ कब्जे में ले लिए हैं और अवैध प्रमाणपत्र जारी करने के आरोपित के खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है। सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि सोसाइटी से जुड़े सभी विवरणों और गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि अब तक कितने लोगों ने इस अवैध नेटवर्क से लाभ उठाया है और किस स्तर तक यह फर्जीवाड़ा फैल चुका है।