कुमाऊँ में आई अत्याधुनिक विधि -ब्रिटेन से आये डॉ०राठौर ने साईं हॉस्पिटल में एंज्यो प्लास्टी के माध्यम से 2 मरीजों के डाले स्टंट

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हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

हार्ट के ऑपरेशन करने की नई विधि का भी शुभारंभ हो गया है इससे यहां के मरीजों को दिल्ली तथा अन्य बड़े शहरों की दौड़ के अलावा बड़े खर्चे से भी राहत मिलेगी.

सबसे बड़ी बात यह है कि यहां हुए दो ऑपरेशन जो काफी जटिल थे उन्हें आयुष्मान कार्ड के माध्यम से कम खर्च में किया गया जिससे हल्द्वानी के लोगों को साई हॉस्पिटल में एक नई सौगात दी है. इसके बाद अब नई उम्मीद जगने लगी है कि हल्द्वानी में भी इंग्लैंड जैसा अत्याधुनिक इलाज मिल सकेगा.

इंग्लैंड में अपनी प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर सुधीर राठौर ने यहां हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रमोद जोशी के साथ पहाड़ से आए 2 मरीजों के जटिल ऑपरेशन कर उन्हें जिंदगी देने का काम किया है. डॉक्टर सुधीर राठौर ने इस तरह के ऑपरेशन करने के लिए जापान में विशेष तरह का विशेषण लिया है और इसके अलावा उन्होंने कई पेपर खुद लिखे हैं.

यहां ऑपरेशन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डॉक्टर प्रमोद जोशी ने कहा कि बाईपास सर्जरी बहुत आवश्यकता नहीं है तो इन जो प्लास्टिक के माध्यम से भी किए जा सकते हो. यह अत्याधुनिक विधि है तथा इसमें अत्याधुनिक टाइप के इस इंस्ट्रूमेंट लगते हैं लेकिन इसके मरीज को यह फायदा होता है कि वह 24 घंटे के अंदर अपने घर जा सकता है जबकि बाईपास सर्जरी में कम से कम एक हफ्ता उसे अस्पताल में ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है.

डॉ प्रमोद जोशी एवं डॉ सुधीर राठौर ने बताया कि 1 मरीज जो कि बागेश्वर से आए हुए थे उनकी एक आर्टरी पूरी तरह से ब्लॉक थी जिसमें बाईपास सर्जरी के बजाय एंजो प्लास्टिक के माध्यम से 2 स्टंट डाले गए हैं जबकि एक महिला जो चोरगलिया की रहने वाली है उसे हल्द्वानी में विभिन्न अस्पतालों में आ गया जहां किसी ने भी उसका ऑपरेशन करने की मत नहीं की तो समय हॉस्पिटल आने के बाद डॉक्टर प्रमोद जोशी ने डॉक्टर सुधीर राठौर के साथ मिलकर उसकी 2 आट्री जो पूरी तरह से उन्हें एंजो प्लास्टिक के माध्यम से 3 स्टंट डालकर सफल ऑपरेशन कर दिया है.

डॉक्टर सुधीर राठौर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होने से आट्री में कैल्शियम ज्यादा जम जाता है इसकी वजह से वह पूर्व तो ब्लॉक हो जाती है जिसे रोगी के जीवन में खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि बाईपास सर्जरी उन लोगों के लिए जरूरी हो सकती है लेकिन जब कई ऐसी बुजुर्ग जो बाईपास सर्जरी को जेल नहीं पाते हैं तो ऐसे लोगों के लिए एजियो प्लासटी के माध्यम से स्टंट डालना और ऑपरेशन करना सरल होता है.

डॉ मोहन सती ने कहा कि साईं हॉस्पिटल लोगों के लिए हर हर संभव प्रयास कर रहा है ऐसे ऑपरेशन के बाद लोगों की दिक्कतों को देखते हुए ऐसे ऑपरेशन किए जाने की योजना है. इस अवसर पर साईं हॉस्पिटल के व्यवस्था प्रमुख बृजेश बिष्ट भी मौजूद रहे.

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