रेलवे टनल ब्लास्टिंग के कारण बिलोगी गांव के मकानों में पड़ रही हैं दरारें, ग्रामीणों दहशत का माहौल

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घरों में दरारें

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की जद में एक और गांव आ गया है। नरेंद्रनगर का एक और गांव बिलोगी में घरों में दरारें आने से ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के नीचे से रेलवे टनल का निर्माण हो रहा है। ग्रामीणों ने इसके विरोध में जमकर नारेबाजी की।

बिलोगी गांव के मकानों में पड़ रही हैं दरारें

नरेंद्रनगर के एक और गांव बिलोगी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की जद में आने से ग्रामीण दहशत में है। बिलोगी गांव के लोगों का कहना है कि रेल परियोजना के लिए हो रही हैवी ब्लास्टिंग के धमाकों से मकानों पर दरारें पड़ती जा रही हैं। उनके लाखों के मकान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं।

Rishikesh-Karnprayag Rail Project
घरों में दरारें

ग्रामीणों में अत्यधिक आक्रोश

ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में सूचना जिला प्रशासन व रेलवे विकास निगम को फरवरी में भेज दी गई थी। मगर अब तक कोई गांव की सुध लेने तक नहीं पहुंचा। जिससे ग्रामीणों में अत्यधिक आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि हैवी ब्लास्टिंग के चलते गांव क्षेत्र में पानी के प्राकृतिक स्रोत सूख गए हैं। बरसात में भी लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।

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आक्रोशित ग्रामीण

ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों का कहना है कि वे रेल परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन नुकसान की भरपाई तो की जानी चाहिए।
ग्रामीणों ने गांव में धरने पर बैठकर कर मांग है कि प्रशासन व रेलवे विकास निगम दरारों का सर्वे व जांच कर उचित मुआवजा देने के साथ पूरे गांव को विस्थापित करें। अगर ऐसा नहीं होता है तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे