शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

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चंपावत जिले के लोहाघाट ब्लॉक के नेपाल सीमा से लगा जीआईसी मडलक स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। मानसून सीजन में कभी भी छात्र-छात्राओं व अध्यापकों के साथ बड़ा हादसा हो सकता है। इसके साथ ही विद्यालय में शिक्षकों का अभाव है। जिस कारण नौनिहालों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। लेकिन इसके बाद भी शिक्षा विभाग बेखबर बना हुआ है


शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता पुष्कर सिंह ने बताया इस गंभीर मामले को विद्यालय के एसएमसी अध्यक्ष लक्ष्मण पंत ,पीटीए अध्यक्ष राजपाल तथा क्षेत्र के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता पुष्कर सिंह राजपूत तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सम्मुख रखा जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।

उन्होंने बताया विद्यालय में प्रवक्ताओं के पांच पद रिक्त चल रहे हैं। प्रधानाचार्य का पद रिक्त है, एलटी में एक पद रिक्त चल रहा है तथा विद्यालय में बैठने के लिए की कक्षा कक्ष की भारी कमी है। इसके अलावा विद्यालय भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। जिसमें बच्चों व अध्यापकों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

अभिभावकों ने की जल्द से जल्द कमियों को दूर करने की मांग
विद्यालय में इतने अभावों के बीच बच्चे पढ़ रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग इसका संज्ञान नहीं ले रहा है। छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द नए स्कूल भवन का निर्माण व शिक्षकों की कमी पूरी करने की मांग की है। इसके साथ ही चेतावनी दी है अगर विद्यालय भवन में बच्चों के साथ कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार शिक्षा विभाग होगा।

मांग पूरी ना होने पर दिया आंदोलन की चेतावनी
जल्द मांगें पूरी न होने पर 12 गांव के ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है। सामाजिक कार्यकर्ता पुष्कर सिंह राजपूत के द्वारा प्रमुखता से इस मामले को उठाया गया है। उन्होंने बताया पिछले शिक्षा सत्र में विद्यालय में 403 छात्र छात्राएं अध्यनरत थे। लेकिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी और जर्जर विद्यालय भवन के चलते इस साल केवल 276 बच्चे ही विद्यालय में पढ़ रहे हैं।