फिजूल खर्ची रोकने के लिए धाकड़ धामी का धाकड़ फैसला, विपक्ष भी कर रहा सराहना

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फिजूल खर्ची रोकने को लेकर बडा़ फैसला किया है। अब अधिकारियों के पास एक ही सरकारी वाहन होगा। सीएम धामी के इस फैसले के लिए विपक्ष भी उनकी सराहना कर रहा है।

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फिजूल खर्ची रोकने के लिए धाकड़ धामी का धाकड़ फैसला
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा फिजूलखर्ची रोके जाने को लेकर जहां पहले सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन होटल की बजाय मुख्यमंत्री आवास में किए जाने को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया था।

जिसके बाद देखा जा रहा है कि विभागीय कार्यक्रम ज्यादा मुख्यमंत्री आवास में ही होते हैं। तो वहीं होटलों में अब सरकारी कार्यक्रम कम नजर आते हैं। ऐसा ही एक और फैसला सीएम धामी ने लिया है। जिसके मुताबिक अधिकारियों को अब एक ही सरकारी वाहन मिलेगा।

अधिकारियों को नहीं मिलेगा एक से ज्यादा सरकारी वाहन
सीएम धामी के इस धाकड़ फैसले से फिजूलखर्ची से प्रदेश का पैसा बचाया जा सकता है। उत्तराखंड शासन के अधिकारियों के पास अगर एक से ज्यादा विभागों की जिम्मेदारी है तो उनके पास अलग-अलग विभागों से वाहन भी मिले होते हैं।

लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश के बाद राज्य संपति विभाग के द्वारा इसको लेकर आदेश जारी किया गया है कि शासन के अधिकारी के पास एक ही वाहन होगा। जो वाहन उनके पास ज्यादा है अधिकारियों को उन्हें वापस करना होगा।

मंत्रियों पर भी इस फैसले को लागू करने की हो रही मांग
सीएम धामी के इस निर्णय की सराहना भाजपा तो कर ही रही है। लेकिन मंत्रियों के पास भी एक से अधिक वाहन होने पर वापस करने की मांग की जा रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और राजपुर विधानसभा से विधायक खजान दास का कहना है कि वो सीएम धामी के इस निर्णय जो उन्होंने अधिकारियों के लिए एक वाहन इस्तेमाल करने को लेकर जारी किया है इसके लिए विशेष आभार व्यक्त करते हैं।

इसके साथ ही उनकी मांग है कि यही नियम मंत्रियों पर भी लागू होना चाहिए और मंत्रियों से भी एक से अधिक वाहन वापस लिए जाने चाहिए, ताकि फिजूलखर्ची को और बचाया जा सके।

विपक्ष भी सीएम धामी के फैसले की कर रहा सराहना
फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने को लेकर अधिकारियों को एक ही वाहन इस्तेमाल किए जाने कि जहां बीजेपी सराहना कर रही है। तो वहीं विपक्ष भी मुख्यमंत्री के इस फैसले के साथ नजर आ रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

करन माहरा का कहना है कि यह स्वागत योग्य कदम है कि अधिकारियों को एक ही वाहन इस्तेमाल किए जाने का निर्णय सरकार के द्वारा किया गया है।

लेकिन इस आदेश का साथ-साथ पालन होना भी जरूरी है। क्योंकि अभी तक प्रदेश में देखा गया है, कि कई बार खबरें सामने आई कि अधिकारियों के वाहनों में कुत्ते की सवारी तक हो रही है, जबकि सब्जी लेने के लिए भी सरकारी वाहन इस्तेमाल किए जाते रहे हैं।