डॉ ऋत्विक ने कुमाऊ के पिथौरागढ़ एवम काशीपुर की 2 महिलाओं की ओपन एवम बाईपास जटिल सर्जरी कर बचाई जान देखें (वीडियो क्या सावधानी बरतने की दी सलाह)
हलद्वानी एसकेटी डॉट कॉम
ह्रदय के आसपास कभी भी हल्का दर्द हो तो उसे हल्के में ना लें उसकी जांच कराएं तभी आप किसी गंभीर मुसीबत से बच सकते हैं।
ऐसा ही कुछ काशीपुर की 44 वर्षीय निशा राजपूत के साथ भी हुआ उसे हल्का दर्द हुआ और गैस की दिक्कत बताते हुए कुछ दवाइयां दी गई लेकिन जब वह नियमित जांच के लिए गई तो उसे पता चला कि उसके हृदय में लाइपोमा नाम का कार्डियट्रेक का पता चला जोकि हजारों में से किसी एक केस में होता है अगर निशा राजपूत अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरती तो निश्चित रूप से उसे बड़ा खतरा उठाना पड़ता ऐसा ही कुछ पिथौरागढ़ की दीपा बिष्ट उम्र 45 वर्ष के साथ भी हुआ उसे भी हृदय के पास दर्द की शिकायत हुई स्थानीय डॉक्टरों ने डॉक्टरों ने उन्हें रेफर करक हल्द्वानी भेज दिया।
यहां से दोनों मरीज जिनका सही डायग्नोसिस होने के बाद डॉक्टर रितिक राज जोकि कार्डियो थ्रोसिक एवम वैस्कुलर सर्जन हैं जो वर्तमान में फॉरस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ रितिक ने इन दोनों मरीजों का काफी लंबा चलने वाला ऑपरेशन किया जिसके बाद यह दोनों आप स्वस्थ होकर अपनी दिनचर्या मैं लौट आए हैं।
डॉ रितिक ने बताया कि निशा राजपूत एक अति दुर्लभ प्रकार की बीमारी का डेटिक लाइपोमा से ग्रसित थी जिनका बहुत ही जटिल ऑपरेशन किया गया लगातार 10 घंटे तक करीब डेढ़ दर्जन से अधिक डॉक्टरों के सहयोग से इस सर्जरी को सफल किया गया इस सर्जरी में प्रभावित अंग को एक बार बाहर निकाला गया फिर उसके खराब हिस्से को हटाया गया फिर दोबारा से इसको हार्ड के अंदर सेट किया गया इसके बाद निशा आज अपनी दैनिक दिनचर्या को बखूबी से जी रही है
डॉक्टर रित्विक वर्ष 2015 से हल्द्वानी के बृजलाल हॉस्पिटल मैं इस तरह से आने वाले गंभीर ह्रदय रोगियों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर रहे हैं वर्तमान में यह एस्कॉर्ट फोर्टिस अस्पताल में कार्यरत हैं और इससे पहले यह 10 वर्ष तक मैक्स हॉस्पिटल में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बृजलाल हॉस्पिटल में सच की तोप के साथ विस्तार से बात करते हुए उन्होंने बताया कि किसी भी उम्र में अब हृदय रोग हो जा रहा है जबकि आज से दो दशक पहले उम्र दरज लोगों को ही लेख लोगों को ही यह दिक्कतें होती थी लेकिन आज के भागदौड़ एवं ज्यादा रसायनिक भोज्य पदार्थों के मिलावट के चलते कम उम्र के लोगों को भी हृदय से संबंधित बीमारियां जकड़ रही है।
बृजलाल हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉक्टर अजय पाल सिंह ने बताया कि की दिक्कतों को नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए स्वस्थ रहने के लिए दिमागी रूप से थकावट एवं खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए स्वस्थ व्यक्ति से ही स्वस्थ समाज की कल्पना की जा सकती है।
पत्रकार वार्ता में हृदय रोग विशेषज्ञ सुनील जाधव ने भी आज के युग में खानपान एवं शारीरिक मोटापा तथा मधुमेह की दिक्कतों पर विशेष जागरूक रहना चाहिए।
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