Doomsday Fish का रहस्य: क्या समंदर की इस राक्षसी मछली से जुड़ा है प्रलय का संकेत?

आपने कभी ऐसी मछली के बारे में सुना है जो समुद्र किनारे आकर अगर मर जाती है तो उस जगह पर कोई ना कोई तबाही तो आती ही है। अगर नहीं तो ये आर्टिकल आपके लिए है। आज हम आपको एक ऐसी ही मछली के बारे में बताने जा रहे है जिसके लिए कहा जाता है कि ये प्रलय का संकेत देती है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये मछली है कौन सी? चलिए हम आपको बता देते है।
video link- https://youtu.be/ZdtgiJCfCm8?si=NYkDqzaRIexnPiI5
जिस मछली की हम बात कर रहे है उसका नाम है ओरफिश (oarfish doomsday fish)। इसे तबाही वाली मछली या फिर डूम्स डे फिश (Doomsday Fish ) के भी नाम से जाना जाता है।
डूम्स डे फिश समुद्र की गहराई में रहती है। जिसके चलते शायद ही इसे समुद्र के बाहर देखा जाता है। इस मछली को लेकर कहा जाता है कि ये मछली जहां भी दिखाई देती है वहां पर कुछ ना कुछ बुरा होना तय है। बता दें कि इससे पहले ओरफिश के दिखने पर भूकंप से भारी तबाही मची थी।

doomsday fish meaning
समुद्र की गहराइयों में कई ऐसे रहस्यमयी जीव रहते हैं जिनके बारे में शायद ही हम इंसानों को जानकारी होती हो। इन्हीं में से एक मछली है डूम्सडे फिश (Doomsday Fish) है।
डूम्सडे का मतलब कयामत का दिन (doomsday meaning in hindi) होता है। Doomsday Fish एक अनौपचारिक नाम है। इसका असल नाम ओरफ़िश (Oarfish) है। हिंदी में इसे ‘कयामत की मछली’, ‘प्रलय मछली’ या ‘महाप्रलय मछली’ (doomsday fish meaning) कहा जा सकता है।
what is the doomsday fish?
ओरफिश का साइंटिफिक नाम Regalecus glesne है। ये रेगालेसिडाए (Regalecidae) परिवार की सदस्य है। गहरे समुद्र(deep sea) में रहने वाली ये मछली लंबी रिबन के आकार (what is the doomsday fish) की होती है। जिससे ये पानी में आसानी से तैर पाती है। ये ज्यादा बड़ी नहीं होती। लंबाई की बात करें तो इसकी लंबाई करीब 11 मीटर यानी 36 फीट तक होती है। इसे दुनिया की सबसे लंबी हड्डीदार मछली भी कहा जाता है। इसका शरीर सांप की तरह ही पतला और चांदी जैसा चमकदार होता है। सिर थोड़ा सा चपटा होता है। सिर के पास लाल कलर की कंघी जैसी आंकृति की कुछ चीज भी होती है।
doomsday fish ज्यादातर मेसोपेलैजिक ज़ोन में रहती हैं। जो समुद्र की सतह से करीब 200 से 1,000 मीटर यानी की लगभग 660 से 3,300 फीट की गहराई(doomsday fish depth) पर है। जिससे इसका दिखना काफी दुर्लभ हो जाता है। ये फिल्टर फीडर होती हैं। ये क्रिल, प्लवक और अन्य छोटे क्रस्टेशियंस को खाती हैं।

Why are oarfish called doomsday fish
ओरफिश को डूम्सडे फिश इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे कुछ संस्कृतियों में प्राकृतिक आपदाओं खासकर भूकंपों और सुनामी के आने का संकेत(why are oarfish called doomsday fish) माना जाता है। जापानी लोककथाओं की माने तो ओरफिश को समुद्र के देवता के महल से आया हुआ मैसेंजर माना जाता है।
जापान में इसे “रयुगु नो सुकाई” कहा जाता है। जिसका मतलब होता है “समुद्री महल का दूत”। जो आने वाली आपदाओं का सकेंत देता है। इस विश्वास को वजन तब मिला जब साल 2011 में जापान में आए भूकंप से पहले ओरफिश को तट पर देखा गया था।
डूम्स डे फिश की मान्यता (doomsday fish history)
डूम्सडे समुद्र की गहराई में रहना पसंद करती है। जापानी लोककथाओं की माने तो ये प्रलय जैसे भूकंप या सुनामी का संकेत देती है। ओरफिश को जापान के लोग आपदा की निशानी मानते हैं। कहा जाता है कि 2011 में जापान के फुकुशिमा में शक्तिशाली भूकंप आया था। उससे पहले समुद्र के किनारे ओरफिश देखी (doomsday fish kab dikha tha) गई थी। इसके अलावा अमेरिका के लॉस एंजिल्स में भूकंप से पहले कैलिफोर्निया में ओरफिश को देखा गया था।
साल 2017 में फिलीपींस में भी एक ओरफिश तट पर पाई गई थी। जिसके कुछ ही दिनों बाद ही वहां पर करीब 6.7 तीव्रता का भूकंप आया था। साल 2023 में ताइवान में डाइविंग कर रहे कुछ डाइवर्स को ये मछली दिखी थी। जिसके बाद ताइवान में भी कुछ ही महीनों बाद एक बड़ा भूकंप देखने को मिला था।

हाल ही में फिर दिखाई दी डूम्सडे फिश doomsday fish news
हाल ही के वर्षों में ओरफिश के तट पर पाए जाने की घटनाए काफी बढ़ी। जिससे लोगों के बीच भय, चिंता के साथ अंधविश्वास भी बढ़ गया है। बीते साल अगस्त में कैलिफोर्निया में समुद्र तट पर तीन डूम्सडे फिश मिली। उनमें से एक की लंबाई करीब 9-10 फीट थी। इन घटनाओं ने वैज्ञानिकों का ध्यान उस समय काफी आकर्षित किया। वैज्ञानिकों की माने तो समुद्र की परिस्थितियों में बदलाव होने के कारण इन मछलियों के व्यवहार में परिवर्तन हो सकता है।
इसके अलावा मेक्सिको(doomsday fish Mexico) के बाजा कैलिफ़ोर्निया सुर के तट में फरवरी 2025 में एक ओरफिश देखी गई। साथ ही कैनरी द्वीप के एक समुद्र तट पर फरवरी 2025 में ही (doomsday fish last seen) ओरफिश पाई गई। जिसने दोबारा संभावित आपदा के संकेत बढ़ा दिए।
विज्ञान क्या कहता है?
इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ओरफिश या फिर डूम्सडे के दिखने से भूकंप या फिर कोई अन्य आपदाएं आती है। हालांकि इनका समुद्र के तट पर आना मुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तनों का संकेत माना जाता है। कुछ वैज्ञानिक मानते है कि जलवायु में परिवर्तन और समुद्री पर्यावरण में हो रहे बदलाव समुद्र में रह रही गहरी मछलियों के व्यवहार को प्रभावित करता हैं। जिससे डिस्टर्ब होकर वो समुद्र तट के पास नजर आती है।
वैज्ञानिकों की माने तो ओरफिश का शकुन-अपशकुन से किसी भी प्रकार का कोई लेना-देना नहीं है। कुछ की माने तो ये तभी तट पर दिखाई देती है जब या तो वो रास्ता भटक जाती है या फिर बीमार होती है। किनारे पर आने से इसकी मौत हो जाती है। ये घटना इसलिए दुर्लभ है क्योंकि ये कई वर्षों में एक बार दिखाई देती है।
कितनी है इसकी कीमत? doomsday fish price
ओरफिश यानी डूम्सडे फिश दुर्लभ समुद्री मछली है जो अमुमन समुद्र की गहराइयों में रहती है। जिसके कारण इसे पकड़ना काफी मुश्किल होता है। इसका कॉमर्शियल वैल्यू बहुत कम या शून्य है। साथ ही इसका मांस खाद्य उद्देशयों के लिए भी ज्यादा फेमस नहीं है। जिसके चलते बाजार में इस ओरफिश की कीमत(doomsday fish price) की सटीक जानकारी नहीं है।
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