जनसंख्या नियंत्रण कानून पर राज्य में क्यों शुरू हुआ विवाद, जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून पर विवाद घिर गया है। सीएम धामी ने कहा है कि उत्तराखंड के हित के लिए जरूरत पड़ेगी तो जनसंख्या नियंत्रण कानून भी लाएंगे। जिसके बाद सियासत गरमा गई है
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर राज्य में शुरू हुआ विवाद
लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून पर विवाद शुरू हो गया है। सीएम धामी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि समान नागरिक संहिता यानि की (यूसीसी) का ड्राफ्ट जल्द ही फाइनल कर लिया जाएगा।
सीएम के बयान पर विपक्ष का हमला
सीए यूसीसी पर सरकार का ड्राफ्ट दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बनेगा। वहीं मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष ने सत्तापक्ष पर हमला बोल दिया है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय भाजपा को जनसंख्या नियंत्रण कानून और ऐसे अन्य कानूनों की याद आती है। भाजपा ध्रुविकरण की राजनीति कर रही है। ताकि असल मुद्दों से जनता का ध्यान हटाया जा सके।
जरूरत पड़ने पर लाएंगे जनसंख्या नियंत्रण कानून
भारत में बढ़ती जनसंख्या के बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड के हित के लिए जरूरत पड़ेगी तो जनसंख्या नियंत्रण कानून भी लाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता यानि की (यूसीसी) का ड्राफ्ट 30 जून तक फाइनल हो जाएगा। सीएम ने कहा कि यूसीसी पर सरकार का ड्राफ्ट दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बनेगा।
सीएम धामी के बयान की बीजेपी संगठन ने की सराहना
वहीं मुख्यमंत्री के इस बयान की संगठन ने भी सराहना की है। बीजेपी का कहना है भाजपा हर मुद्दे को याद भी रखती है और उसका रास्ता निकालने की कोशिश भी करती है और यह बहुत खुशी की बात है जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि के स्वरूप को देखते हुए इस बात को छेड़ा है।
खास तौर पर सीमित भूखंड है और पिछले दिनों हमने जो उद्योग के नाम पर बड़े-बड़े उद्योगपति को भूमि दी थी। मगर वह लोग उद्योग स्थापित नहीं कर पाए इसलिए आज की तारीख में जनसंख्या का विषय हो या फिर भूखंड आवंटन का विषय हो दोनों ही विषय को लेकर राज्य के भौगोलिक स्वरूप को देखते हुए यह विचार सामने आया है और भारत देश में आबादी बढ़ती जा रही है। तो हर राज्य को इसके प्रति सजग होने की आवश्यकता है।
लंबे समय से जनता कर रही कानून की मांग
बता दें कि पिछले लंबे समय से जनता जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग सरकार से कर रही है। वहीं हाल ही में यूएनएफपीए ने भी अपना एक डाटा जारी किया है। जिसमें उसने बताया है कि जनसंख्या के मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है।
भारत की आबादी 142.8 करोड़ हो गई है जबकि चीन 142.5 करोड़ के जनसंख्या के साथ अब भारत से पीछे है। लगातार बढ़ती जनसंख्या देश के विकास को अवरूद्ध कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री के जनसंख्या नियंत्रण कानून लाए जाने वाले बयान पर राज्य में सियासत गरमा गई है।
क्या सीएम धामी का बयान है सिर्फ चुनावी स्टंट ?
विपक्ष ने सत्तापक्ष पर हमला बोल दिया है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय भाजपा को जनसंख्या नियंत्रण कानून और ऐसे अन्य कानूनों की याद आती है। सत्ता में इतने साल होने के बाद भाजपा को चुनाव के समय इसकी याद आ रही है। जबकि धरातल पर ऐसा नहीं होना है। कुल मिलाकर देशभर में बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए चिंता की बात है।
आलम ये है कि भारत ने विश्व में सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। जो कि चिंता की बात है ऐसे में सवाल ये है कि क्या सीएम धामी का बयान सिर्फ चुनावी स्टंट है। आखिर क्यों अब तक भाजपा को जनसंख्या नियंत्रण कानून की याद नहीं आई।
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