क्या हर विभाग की जिम्मेदारी सीएम धामी ने संभाली ?, ना वन मंत्री को चिंता ना पर्यटन मंत्री को फिक्र
प्रदेश में जंगल में आग धधकती रही और वन मंत्री प्रदेश से बाहर चुनाव प्रचार करते रहे। चारधाम यात्रा भी शुरू हो गई है, तैयारियों का दावा किया जा रहा और इस दौरान पर्यटन मंत्री राज्य से बाहर थे। लेकिन सीएम धामी अपना सारा काम छोड़कर प्रदेश वापस लौटे और जिम्मा संभाला। जिसके बाद से विपक्ष भी सरकार पर जमकर हमला कर रहा है। इसके साथ ही ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या हर विभाग की जिम्मेदारी सीएम धामी ने ही संभाली है ?
प्रदेश में जंगलों की आग के कारण बीते दिनों हाहाकार मचा था। आग के कारण एक हजार से भी ज्यादा हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए हैं और पांच लोगों की मौत हुई है। लेकिन इतना सब होने के बाद भी वन मंत्री प्रचार में व्यस्त थे और उनसे जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो फोन से अधिकारियों से जानकारी ले रहे हैं।
जंगल धधकते रहे और नुकसान होता रहा लेकिन वन मंत्री वापस नहीं आए। वन मंत्री तब वापस आए जब बारिश होने से प्रदेश में ज्यादातर स्थानों पर आग बुझ गई। ज्यादातर स्थानों पर आग पर काबू पा लेने पर वन मंत्री ने समीक्षा की है और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
चारधाम यात्रा की तैयारियों के दौरान मंत्री गायब
पर्यटन को उत्तराखंड की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है। जिसमें चारधाम यात्रा सबसे अहम है। हर साल लाखों यात्री चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड आते हैं। लेनिक इस यात्रा के लिए जब तैयारियां की जा रही थी तो पर्यटन मंत्री राज्य से बाहर थे और चारधाम यात्रा की तैयारियां पूरा होने का दावा करते रहे।
चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी प्रदेश में वापस लौट आए हैं। लेकिन यात्रा शुरू होने के महज दो दिन में ही अव्यवस्थाएं दिखने लगी हैं। यमनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ पड़ी है कि पैदल मार्ग पर पैर रखने की जगह तक नहीं है। वहीं दूसरी ओर पहली बार यात्रा शुरु होने के पहले ही केदारपुरी में तीर्थ पुरोहितों ने बंद का ऐलान कर दिया।
इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि केदारपुरी में कपाट खुलने के दिन दुकानें बंद रही। बंद के कारण यात्रा के पहले दिन श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बतौर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की ये जिम्मेदारी बनती थी कि यात्रा शुरु होने से पहले ही नाराज तीर्थ पुरोहितों से बात की जाती और उन्हें मनाया जाता लेकिन ऐसा कुछ किया नहीं गया। बजाय इसके पर्यटन मंत्री प्रदेश से गायब रहे।
क्या हर विभाग की जिम्मेदारी सीएम ने संभाली ?
जहां एक ओर जंगलों में आग के कारण धधकते प्रदेश को छोड़ वन मंत्री गायब रहे और चारधाम यात्रा की तैयारियों को छोड़ पर्यटन मंत्री नदारद रहे। तो वहीं दूसरी ओर इस दौरान सीएम धामी मोर्चे पर डटे रहे। सीएम धामी अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर वापस उत्तराखंड आए और जंगल की आग और चारधाम यात्रा को लेकर समीक्षा की।
इस दौरान सीएम धामी एक्शन में नजर आए। सीएम ने वनाग्नि की घटनाओं में लापरवाही बरतने वाले 10 अधिकारियों को सस्पेंड किया। जबकि दो को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और पांच को अटैच किया गया। इसके बाद यही सवाल उठ रहा है कि मंत्री व्यस्त हैं और सीएम धामी ने हर विभाग की जिम्मेदारी संभाल ली है ?
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