धामी ने तोड़े मिथक,दूसरी बार सज़ा सीएम का ताज,सच की तोप ने पूर्व में ही कही थी धामी के सीएम बनने की बात

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उत्तराखंड में भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है। लेकिन, पिछले 11 दिनों से लगातार सीएम कौन होगा, इसकी चर्चाएं चल रही थी। आखिरकार सीएम के नाम का ऐलान कर दिया गया है। पुष्कर सिंह धामी को फिर से कमान सौंपी गई है।
पार्टी आलाकमान ने फिर से उनके नाम पर मुहार लगाई है। धामी 23 मार्च को फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 2022 विधानसभा चुनावों में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर चुनाव लड़ा गया। लेकिन, वो खटीमा से ही चुनाव हार गए। ऐसे में कयास यह लगाए गए कि मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी जगह किसी और को मौका दिया जा सकता है। लेकिन, भाजपा आलाकमान ने धामी को ही फिर से कमान सौंपी है।

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पुष्कर सिंह धामी के लिए विधायक लगातार सीट खाली करने का ऐलान कर रहे थे। कई विधायकों ने उनके नामों का ऐलान किया। माना जा रहा है कि उनके लिए सीट का इंतजाम भी पहले ही कर लिया गया है। शपथ ग्रहण के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। धामी को 6 माह के भीतर चुनाव जीतना होगा।


पुष्कर सिंह धामी ने छह माह पहले ही उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री
के रूप में शपथ ग्रहण की थी। 47 साल के धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। उत्तराखंड की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दो बार से विधायक चुने गए। हालांकि धामी इस बार जीत से चूक गए। धामी 2002 से 2008 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।


धामी की युवाओं के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है। युवा मोर्चा का नेतृत्व संभालने के बाद उन्होंने प्रदेश भर में घूम-घूमकर यात्राएं की थीं। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद उन्होंने लगातार भर्तियों के द्वार खोले। यह कारण है कि युवाआंे ने तमाम विरोध के बाद भी भाजपा को ही वोट किया। यही कारण है कि भाजपा ने युवा सीएम को फिर से मौका देने का फैसला किया है।


धामी को 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने खटीमा सीट से उम्मीदवार बनाया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। 2017 में एक बार फिर वे खटीमा सीट से विधायक बने। त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत को सीएम पद से हटाने के बाद उनको सत्ता सौंपी गई। उन्होंने छह माह के भीतर ही खुद को साबित किया और भाजपा को बड़ी जीत दिलाई।


पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्कर सिंह धामी के नाम का ऐलान किया। सीएम पद के लिए कई नेताओं के नामों की चर्चा चल रही थी। सबसे ज्यादा चर्चा सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, ऋतु खंडूड़ी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, सांसद अनिल बलूनी के नाम चर्चाओं में थे। देहरादून से दिल्ली तक नेता लगातार लॉबिंग करते रहे, लेकिन बाजी फिर से धामी ने मार ली।