छप्पर फाड़ कर आई मौत: मुर्गे को पकड़ने के लिए तेंदुए ने लगाई थी छलांग,सीमेंट की चद्दर टूटी,घर के अंदर पालने में सो रहे बच्चे पर गिरा तेंदुआ
अलीराजपुर: जिले के वन परीक्षेत्र जोबट अंतर्गत उदयगढ़ की सब रेंज पानगोला बीट कंपार्टमेंट 54 से लगे हुए ग्राम छोटी झीरी (माता फलिया) मे मुर्गे को पकड़ने के लिए तेंदुए द्वारा लगाई गई छलांग 15 दिन के बालक की मौत का कारण बन गई जबकि माता-पिता भी बुरी तरह से घायल हो गए। घटना 22 अगस्त सोमवार-मंगलवार दरमियानी रात्रि की है।
गौरतलब है कि जोबट वन परिक्षेत्र में 17 दिन पहले भी एक ग्रामीण को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया था । उस वक्त तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाए अन्यथा यह दूसरी घटना घटित नहीं होती।
छप्पर फाड़ कर आई मौत
ग्राम छोटी झीरी माता फलिया मे मुर्गे को पकड़ने के लिए तेंदुए ने मकान के ऊपर छलांग लगाई। मुर्गा तो बच गया लेकिन सीमेंट की चद्दर खसक गई और तेंदुआ घर के अंदर गिर गया। छोटे से मकान में पूरा परिवार सोया था और तेंदुआ उस पालने पर गिरा जिसमें 15 दिन का बालक रुद्राक्ष सोया हुआ था।
घबरा कर उठे पिता थानसिंह व मां पापलीबाई ने अपने बच्चे को सीने से लगा लिया। अचानक छप्पर से तेंदुए के अंदर गिरने पर परिवार तो दहशत में आया ही लेकिन तेंदुआ भी कम घबराया हुआ नहीं था । घर मे अंदर से कुंडी लगी थी ऐसे में तेंदुआ भागने से भी रहा ।
इसी दहशत और भय के माहौल में करीब 15 मिनट तक ग्रामीण दंपत्ति और तेंदुआ आमने-सामने होते रहे ।
शोरगुल सुन आसपास के ग्रामीण मकान के बाहर तो एकत्रित हो गए लेकिन वह कर कुछ भी नहीं सकते थे क्योंकि कुंडी लगी थी घर मे अंदर से। करीब 15 मिनट की जद्दोजहद के बाद जैसे-तैसे थानसिह ने कुंडी खोली तो तेंदुआ भाग खड़ा हुआ।
तेंदुए के गिरने और उससे झड़प मे बालक रुद्राक्ष, पिता थानसिंह व मां पापलीबाई बुरी तरह से घायल हो गए।
आसपास के लोगों ने रात में ही घायल पति-पत्नी और बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोबट पहुंचाया। इलाज के दौरान 15 दिन के बालक रुद्राक्ष की मौत हो गई जबकि गंभीर घायल थानसिंह व पापलीबाई को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया जहां उनका इलाज जारी है।
16 वर्ष के बाद भरी थी गोद
परिवार के बुजुर्ग नाहरसिह ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि मेरे लडके थानसिह को विवाह के 16 वर्ष के बाद संतान का सुख प्राप्त हुआ था लेकिन छप्पर फाड़ के आई मौत ने 15 दिन में ही वह खुशी हमसे छीन ली।
17 दिन में दूसरी घटना
गौरतलब है कि इस घटना के 17 दिन पहले जोबट वन परिक्षैत्र की बलेडी़ बीट के ग्राम पहाड़वा मे भी तेंदुए के हमले में सुमरिया पिता हरसिह की मौत हो गई थी। वह दिवासा पर्व मना कर घर लौट रहा था । सड़क पर उसकी लाश मिली थी।
ग्रामीण भयभीत
जोबट वन परिक्षेत्र के ग्रामीण तेंदुए के हमले की घटना से भयभीत हैं उन्होंने 17 दिन पहले की घटना के वक्त भी पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकड़ने की मांग की थी। उस वक्त वन अधिकारियों ने ध्यान दिया होता तो यह शायद यह दूसरी घटना नहीं होती।
घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी
तेंदुए से झड़प वाली घटना के बाद मौके पर सुबह ही डीएफओ मंयक गुर्जर, एसडीओ मंगलसिह चौहान, रेजं आफिसर रितिका यादव, उदयगढ़ थाना प्रभारी पी एस डामोर आदि अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
अधिकारीयो के नेतृत्व मे टीम ने वन क्षैत्र की सर्चिग की । इस दौरान तेंदुए के पगमार्क वहां पाए गए। इस पर वन अधिकारियों ने क्षैत्र मे दो अलग अलग जगह पिंजरा रखकर तेंदुए को पकड़ने की बात कही है।
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