सदन में बोले कांग्रेस विधायक: ‘देहरादून ही हो सकती है उत्तराखंड की स्थायी राजधानी’, मचा सियासी बवाल

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tilak raj behad sadan

उत्तराखंड में स्थायी राजधानी को लेकर सियासी संग्राम एक बार फिर उठने लगा है। विधानसभा सत्र के आख़िरी दिन कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने ऐसा बयान दे दिया जिसने न सिर्फ सदन में हलचल मचा दी, बल्कि पार्टी के भीतर भी नई खींचतान पैदा कर दी।

‘देहरादून ही हो सकती है उत्तराखंड की स्थायी राजधानी’: तिलक राज बेहड़

कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने सदन में कहा कि गैरसैंण पहले ही ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित की जा चुकी है, ऐसे में उसे स्थायी राजधानी नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने साफ कहा, देहरादून ही उत्तराखंड की स्थायी राजधानी हो सकती है, और कहीं नहीं। बेहड़ यहीं नहीं रुके।

गैरसैंण की अव्यवस्थाओं पर उठाए सवाल

बेहड़ ने गैरसैंण की अव्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वहां अब तक कोई उचित सुविधा नहीं है। वहां का हाल यह है कि सत्र के दौरान खाना भी ढंग का नहीं मिलता। कैंटीन में सिर्फ एक व्यक्ति है जो कच्चा-पक्का खाना बनाकर दे देता है। मुख्यमंत्री या मंत्रियों को तो अच्छा खाना मिल जाता होगा, क्योंकि वे VVIP हैं। उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है।

भाजपा ने किया पलटवार

भाजपा ने इस पर पलटवार किया है। खजानदास ने कहा कि कांग्रेस गैरसैंण के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रही है। उन्होंने तंज कसा कि, कांग्रेस ने दस साल सत्ता में रहकर भी गैरसैंण को स्थायी राजधानी नहीं बनाया, अब बयानबाजी कर जनता को गुमराह कर रही है। खजानदास ने सवाल उठाया कि जब हरीश रावत कहते हैं कि 2027 में सत्ता में आने पर गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाएंगे, तो बेहड़ का बयान उनकी बातों के ठीक विपरीत क्यों है?

राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर मतभेद

राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं। भाजपा ने चुटकी लेते हुए कहा कि, कांग्रेस पहले अपने घर में तो तय कर ले कि राजधानी को लेकर पार्टी लाइन आखिर है क्या। राज्य के गठन को 25 साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन राजधानी का मुद्दा अब भी सुलझा नहीं है। गैरसैंण और देहरादून के बीच ये राजनीतिक रस्साकशी अब एक बार फिर उत्तराखंड की सियासत को गरमाने लगी है।