उत्तराखंड में दरें बढ़ने के बाद भी अन्य राज्यों से सस्ती बिजली, यूपीसीएल ने किया दावा

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उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने दावा किया है कि प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ने के बाद भी यहां अन्य राज्यों से बिजली सस्ती है। शनिवार को ऊर्जा भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में यूपीसीएल ने ये दावा किया।


यूपीसीएल ने दावा किया है कि प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ने के बाद भी अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में बिजली सस्ती है। एक सितंबर 2022 को बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बिजली टैरिफ में कुल 1.79 प्रतिशत की वृद्धि की गई।


यूपीसीएल ने किया दावा
ऊर्जा भवन में शनिवार को प्रेसवार्ता में यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने जानकारी जी कि विद्युत नियामक आयोग से यूपीसीएल की ओर से 10354 करोड़ टैरिफ की मांग की गई थी।


जिसमें आयोग ने 9900 करोड़ के टैरिफ की अनुमति दी है। घरेलू उपभोक्ता, गैर घरेलू, मिश्रित भार, इलेक्ट्रिक वाहनों, सरकारी संस्थानों व कार्यालय, उद्योगों, रेलवे के बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई।


इस दौरान उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने दावा किया कि प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ने के बाद भी यहां देश के अन्य राज्यों से सस्ती बिजली है।


दो सालों में कम किया गया राजस्व घाटा
यूपीसीएल की ओर से जानकारी दी गई कि बीते दो सालों में राजस्व घाटा कम किया गया है। यूपीसीएल का घाटा पहले 577 करोड़ का था। जिसको कम करके 151 करोड़ पर लाया गया।


इसके बाद भी लगातार इसको कम करने की कोशिश की गई। लगातार प्रयासों से से यूपीसीएल के घाटे को 21 करोड़ पर लाया गया है।