मेयर हलद्वानी – गजराज की हलचल से बन्द पड़ी शह मात की जंग शुरू होने के आसार

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दर्जा राज्य मंत्री अनिल डब्बू भी अपने पत्ते खेलने के फिराक में

हल्द्वानी skt.com

भारतीय जनता पार्टी की हल्द्वानी की सियासत अब गरमाती जा रही है। जौहरी ही असली हीरे की पहचान करते हैं लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक आकाओं को अब जौहोरियो की पहचान करने का मौका हाथ में लग गया। फिलहाल नवीन वर्मा के रूप में एक राजनीतिक जौहरी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं इसके साथ ही राजनीतिक के पुराने खिलाड़ी गजराज बिष्ट के समर्थकों ने उन्हें टिकट देने की मांग को लेकर मामले को गर्मा दिया है

जिस तरह से समाचार पत्रों में सामने आ रहा है कि गजराज सिंह बिष्ट भी ओबीसी कोट के तहत पात्रता रखते हैं उससे उनके समर्थकों ने उनके लिए टिकट की मांग पार्टी फोरम में कर दी है ।।

गजराज बिष्ट हल्द्वानी के आसपास करीब 30 -35 वर्ष से लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला है।

गजराज हल्द्वानी और कालाढूंगी मिलाकर जो राजनीतिक क्षेत्र है उसमें वह काफी लंबे समय से टिकट की मांग कर रहे हैं लेकिन नैनीताल जिले के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक बंशीधर भगत कि यहां पर मौजूदगी उनकी टिकट में हमेशा रोड़ा अटकती नहीं। यानी भगत की वरिष्ठता के आगे उन्हें हमेशा बैकफुट पर रखा। यहां भी सूत्र यह बता रहे हैं कि ओबीसी सीट होने के बाद बंशीधर भगत बैक डोर से सक्रिय बताए जाते हैं होना भी चाहिए क्योंकि वह एक राजनीतिक व्यक्ति है और अपने इर्द-गिर्द राजनीतिक माहौल पर उनका कमान हो ऐसी उनकी इच्छा हमेशा रही है।

सूत्रों के अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि नवीन वर्मा की पार्टी में एंट्री के लिए उनकी बड़ी भूमिका रही है निश्चित रूप से अगर वह नवीन वर्मा की टिकट की पैरवी कर रहे होंगे तो गजराज और बंशीधर भगत के बीच पुराना बंद बोतल में पड़ा राजनीतिक युद्ध फिर ढक्कन खोलकर इन सर्दियों को गर्म करने के लिए काफी होगा। हालांकि अभी तक गजराज बिष्ट ने इस संबंध में कोई बयान नहीं जारी किया है लेकिन उनके समर्थकों ने जिस तरह से उनके नाम को बेहतर कैंडिडेट के रूप में सामने रखा है उसे निश्चित रूप से कहीं न कहीं उनकी दावेदारी पर पार्टी को गंभीर रूप से विचार करना पड़ेगा पार्टी उन्हें अनदेखा नहीं कर सकती है ।

वही पूरा मामला पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के बीच जो के बीच प्रतिष्ठा का सवाल भी हो जाएगा। गजराज सिंह बिष्ट आगामी 27 को भी नजर में रखे हुए हैं वह अपनी दावेदारी को 27 और मेयर के बीच में जरूर तोल रहे होंगे।

नवीन वर्मा पार्टी में आखिरकार ओबीसी पार्टी पदाधिकारियो के विरोध के बावजूद पार्टी में शामिल हो गए इसके लिए कहीं ना कहीं बड़ी सिफारिश किसी बड़े नेता की होगी की पार्टी के नेताओं का विरोध दरकिनार कर उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया गया ।।

हालांकि उन्होंने पार्टी में बिना शर्त आने की बात की है लेकिन अपना दावा भी रखने की बात कही है।

वही हल्द्वानी में मेयर के टिकट को लेकर वर्तमान में मुख्यमंत्री के बेहद नजदीकी और ताकतवर राज्य मंत्री अनिल डब्बू का दखल काफी महत्वपूर्ण हो गया है उन्होंने नवीन वर्मा के साथ ही अपने पुराने व्यावसायिक सहयोगी और कांग्रेस के नेता मोहन गिरी गोस्वामी जो कि अब इस्कॉन की सेवा में लगे हुए हैं को भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल कर लिया है कहीं ना कहीं राजनीतिक इच्छा के चलते मोहन गिरी गोस्वामी दोबारा अपने सहयोगी के सहारे राजनीति में दोबारा सक्रिय होना चाह रहे हो ऐसे में इस पूरे मामले की धूरी बने डॉ अनिल कपूर डब्बू गजराज और नवीन वर्मा पर पार्टी में सहमति न बनने पर मोहन गिरी गोस्वामी का नाम भी आगे कर सकते हैं इसके अलावा वह है कई अन्य ओबीसी नेताओं को भी टिकट का आश्वासन दे रहे हैं कहीं ना कहीं वह वर्तमान समय में अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास भी पार्टी के नेताओं को करा देना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री के नजदीकी होने के चलते उनके दखल तथा उनकी इच्छा का ख्याल भी अवश्य किया जाएगा।

( यह खबर अपने सूत्रों तथा संभावनाओं के आकलन पर तैयार की है)