CGST असिस्टेंट कमिश्नर मीणा पर कसा शिकंजा, CBI ने दर्ज की FIR, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जयपुर के सीजीएसटी (CGST) असिस्टेंट कमिश्नर राठी राम मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है. CBI के अनुसार, राठी राम मीणा ने अगस्त 2018 से अगस्त 2025 के बीच जयपुर और अहमदाबाद में तैनाती के दौरान अपने और परिवार के नाम पर करीब 2.54 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बनाई है.

CGST असिस्टेंट कमिश्नर राठी राम मीणा पर कसा शिकंजा, CBI ने दर्ज की FIR, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
CBI ने असिस्टेंट कमिश्नर पर FIR की दर्ज

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जयपुर के सीजीएसटी (CGST) के असिस्टेंट कमिश्नर राठी राम मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है. मीणा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई है. CBI अब मीणा की एक-एक संपत्ति के दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है. वहीं CBI के एंटी-करप्शन ब्रांच ने पिछले साल भी अहमदाबाद में एक डिप्टी कमिश्नर को 1.8 करोड़ डीए में पकड़ा था.

CBI के अनुसार, राठी राम मीणा ने अगस्त 2018 से अगस्त 2025 के बीच जयपुर और अहमदाबाद में तैनाती के दौरान अपने और परिवार के नाम पर करीब 2.54 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बनाई है. यह उनकी ज्ञात आय से लगभग 100 प्रतिशत ज्यादा बताई जा रही है. जांच में यह भी सामने आया है कि मीणा के परिवार के नाम पर कई फर्म, एलएलपी और कंपनियां हैं, जिनका इस्तेमाल उन्होंने अपने काले धन को घुमाने के लिए किया.

जयपुर, अंकलेश्वर और अहमदाबाद में छापेमारी

CBI ने जयपुर, अंकलेश्वर और अहमदाबाद में छापेमारी की, जहां से करीब 35 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने बरामद हुए. इसके अलावा, परिवार के नाम पर राजस्थान के कई इलाकों में अचल संपत्तियां, लग्जरी गाड़ियां जैसे पोर्शे और जीप कम्पास, और दो बैंक लॉकर भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि असिस्टेंट कमिश्नर टैक्स मामलों में रिश्वत लेकर संपत्ति बनाई है. जांच में पता चला है कि फर्मों के जरिए पैसे का लेन-देन हुआ है.असिस्टेंट कमिश्नर की पोस्टिंग के दौरान कई व्यापारियों ने रिश्वत को लेकर अधिकारियों से शिकायत भी की थी.

व्यापारियों से मांगी जाती थी मोटी रकम

सूत्रों के मुताबिक, असिस्टेंट कमिश्नर व्यापारियों से फाइल क्लियर करने के बदले मोटी रकम मांगता था. इस काम में विभाग के कई अन्य अधिकारी भी उनके साथ होते थे. एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जीएसटी रिफंड में देरी कर रिश्वत ली जाती थी. इसी जरिए कई सैकड़ों व्यापारियों से डरा-धमकाकर रिश्वत ली गई है.

सीबीआई के एक्शन से राहत

व्यापारियों का कहना है कि सीबीआई की कार्रवाई से उन्हें राहत मिली है. वहीं सीबीआई ने अब तक जब्त किए गए दस्तावेजों में पाया कि असिस्टेंट कमिश्नर के परिवार के नाम पर दर्ज फर्मों का कोई वास्तविक कारोबार नहीं था, बल्कि सिर्फ पेपर पर यह दर्ज था. 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से कई अधिकारी रडार पर हैं.