#modi#dhamiमोदी सरकार के इस कदम से जा सकती है धामी की कुर्सी?

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देहरादून skt.com

आगामी 18 सितंबर से 26 सितंबर तक होने वाले संसद के विशेष सत्र में लिए जाने वाले एक विशेष फैसले से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कुर्सी जा सकती है ! पुष्कर सिंह धामी इस फैसले से होने वाले उनकी कुर्सी के असर को लेकर बेखबर नहीं है उन्होंने कहा कि अगर उनकी कुर्सी चली भी जाए तो वह इसके लिए तैयार है।

एक अखबार के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके लिए देश सर्वोपरि है और प्रधानमंत्री मोदी जब देश के एकता और अखंडता के लिए कोई काम कर रहे हैं तो वह उसके लिए सबसे पहले तैयार हैं चाहे उसके लिए उन्हें अपनी कुर्सी की ही कुर्बानी क्यों ना देनी पड़े।

पुष्कर सिंह धामी के इस बयान से कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया है अगर संसद में इस तरह का अध्यादेश पास हो जाता है और उसके लिए कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा देकर विधानसभा को भंग भी कर देते हैं तो भाजपा के मुख्यमंत्री इसके लिए तैयार दिख रहे हैं

वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर अध्यादेश लाया जा रहा है जिसके तहत भाजपा भाजपा उन राज्यों के चुनाव केंद्र के साथी करना चाह रही है। जिनके चुनाव आगामी 6 महीने के अंदर होने हैं लेकिन इसके अलावा सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ऐसे खास संदेश देकर जनता और अपने पार्टी की विधायकों का मन भी भांप रही है।

भाजपा का वन नेशन वन इलेक्शन का यह पास उसके लिए सही भी साबित हो सकता है और उल्टा भी पड सकता है। यह भाजपा के लिए उन राज्यों में तो मुनाफे का सौदा होगा जहां उनकी सरकार है वर्तमान में एंटी इनकम मानसी की वजह से खतरे में दिख रही है साथ ही कांग्रेस समेत उन विपक्षी पार्टियों के लिए भी यह दिक्कत है कि वह इतने राज्यों में एक साथ चुनाव में कैसे जा सकेगी जबकि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए वह धन व संगठन उतना मजबूत नहीं है जितना सत्ताधारी भाजपा के पास। जबकि सत्ताधारी पार्टी के पास संसाधनों की कमी नहीं है और वह संसाधनों तथा कार्यकर्ताओं के बल पर पूरे देश में एक साथ चुनाव लड़ने पर भी विचार कर रही है।

वन नेशन वन इलेक्शन एक तरह से इस तरह का भाजपा के लिए उसी तरह का दावा है जिस तरह से पूरे देश में समान नागरिक संहिता लगाए जाने की बात थी। भाजपा ने देश का मूड बाप के बाद समान नागरिक संहिता लगाए जाने से फिलहाल अपने हाथ खींच रखे हैं।