ब्रेकिंग- NDCB के बगल की कैन्टीन सनैक्स के संचालक पर लटकी बेदखली की तलवार

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एक महीने में अपना पक्ष रखने का बैंक ने दिया नोटिस

सीडीओ की जांच मे कैन्टीन बैंक कर्मचारियो की निकली

हल्द्वानी skt. com
नैनीताल डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक के ठीक बगल में स्नेक्स कैंटीन के स्वामी पर बेदखली की तलवार लटक गई है।
सीडीओ की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि यह कैंटीन बैंक के कर्मचारियों के चाय- पानी के लिए थी यह किसी भी तरह के व्यावसायिक उपयोग के लिए नहीं दी गई थी लेकिन वर्तमान में इसका धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग हो रहा है।

बैंक की ओर से सूचना के अधिकार के तहत दिए गए जानकारी के अनुसार यह बैंक कर्मचारियों के लिए ही बनी थी ।

सीडीओ अशोक कुमार ने इस पर स्नैक्स के स्वामी को एक महीने के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा है अगर स्नेक्स स्वामी अपना पक्ष नहीं रख पाता है तो उन्हें एक महीने के बाद इसे खाली करना होगा इस तरह का नोटिस बैंक की ओर से स्नेक्स स्वामी को भेजा गया है ।

दो-तीन दिन पूर्व भेजे गए इस नोटिस के बाद बैंक में भी इस बारे में काफी गहमागहमी का माहौल है। कई कर्मचारियों के चेहरे इसलिए भी खिले हैं कि उन्हें अब कैंटीन से ब्रेकफास्ट और भोजन मिल पाएगा।

वही कुछ लोगों ने इसे बैंक कर्मचारियों के हितों की जीत बताया है। 1 महीने का समय मिलने के बाद अब स्नेक्स को वर्तमान में चला रहे व्यक्ति को अपना पक्ष रखना होगा अगर वह इसे अपनी कैंटीन साबित नहीं कर पाएंगे तो उन्हें यह कैंटीन कर्मचारियों के पक्ष में खाली करनी पड़ेगी ।


इस मामले को एक आरटीआई कार्यकर्ता शैलाभाबर गोलापार भाबर निवासी प्रदीप सिंह बरगली ने सूचना के अधिकार के तहत बैंक से सूचना मांगी थी। जिसमें यह तथ्य सामने आया था कि इस कैंटीन को बैंक के कर्मचारियों के लिए आरक्षित की हुई था

कालांतर में इसका व्यावसायिक उपयोग शुरू हो गया जो की प्रतिदिन 20 हजार से अधिक के हिसाब से इसकी आय होनी बताई गई है। साथ ही जानकारो का यह भी कहना है कि आरबीआई की नियमावली के तहत बैंक बैंकिंग कार्य के अलावा किसी भी तरह का अन्य कार्य नहीं कर सकता है और न ही किसी तरह की किराएदारी अपनी संपत्ति से वसूल सकता है।

जिस तरह से सूचना अधिकार के तहत बैंक ने जानकारियां उपलब्ध कराई हैं उसे निश्चित रूप से बैंक प्रबंधन में नियमों की विपरीत जाकर कार्य किया है जानकार लोगों ने यह भी बताया है कि बैंक का एक अन्य कक्ष भी कैंटीन को विस्तारित कारण के लिए दे दिया है

इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत जो सूचना मिली है उसमें बैंक परिसर में संचालित मंदिर के लिए बनाई गई कमेटी भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है बता सूचना के अधिकार के तहत यह भी पता चला है यह कमेटी कहीं भी पंजीकृत नहीं है इसी मंदिर के लिए स्नेक्स चलने वाले व्यक्ति से प्रति माह ₹8000 लिया जाता है। जो की मंदिर के पुजारी और पाठ पूजा के लिए हर माह खर्च होता है।


इस मामले में हमने बैंक के महाप्रबंधक कभी स्पष्टीकरण लेना चाहा लेकिन फोन बंद होने की वजह से उनसे संपर्क नहीं हो पाया।


हमने जांच की जांच में ही है पाया गया कि यह कैंटीन कर्मचारियों के लिए बनी हुई है इसीलिए कैंटीन संचालक को एक माह का समय अपना पक्ष रखने के लिए दिया गया है अगर वह इसे अपनी कैंटीन साबित नहीं कर पाई तो उन्हें यह कैंटीन खाली करनी पड़ेगी शांतिपूर्वक खाली नहीं करने की स्थिति में प्रशासनिक मदद भी ली जा सकती है

अशोक कुमार पांडे सीडीओ नैनीताल