भारत के लिए ब्लैक मंडे! शेयर बाजार में भारी गिरावट, कच्चे तेल में उबाल के साथ रुपए की कीमत भी गिरी
भारत के लिए आज का दिन ब्लैक मंडे साबित हो रहा है। पहले कारोबारी दिन में भारत के लिए हर जगह से बुरी खबर आ रही है।ज हां निवेशकों का पैसा शेयर बाजार में डूब रहा है। तो वहीं रुपए भी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर गिर गया है।
साथ ही शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स में भी गिरावट देखने को मिली। जहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 345.55 अंक गिरकर 23,085.95 पर बंद हुआ। तो वहीं बीएसई सेंसेक्स 1031.65 अंक गिरकर 76,347.26 पर आ गया है। इसी के चलते शेयर बाजार में निवेशकों को कई लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
शेयर बाजार में भारी गिरावट
शेयर बाजार में आज हुई गिरावट के बाद एक बार फिर मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों पर सबसे ज्यादा मार देखने को मिली। निफ्टी के मिडकैप इंडेक्स में 900 अंकों की गिरावट देखने को मिली। तो वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 250 अंकों की गिरावट दर्ज हुई। सभी सेक्टर के शेयरों में गिरावट दर्ज हुई है। ऑटो, बैंकिंग, आईटी, मेटल्स, एफएमसीजी, फॉर्मा, हेल्थकेयर, एनर्जी सेक्टर आदि सेक्टर्स के शेयर्स में भी गिरावट देखने को मिली। इंडिया Vix जो बाजार में अस्थिरता को मापता है उसमें 6.77% का उछाल देखने को मिला।
रुपए की कीमत में रिकॉर्ड गिरावट
लगातार रुपए(Rupee) में गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में सोमवार को दूसरे कारोबारी सत्र में भी गिरावट दर्ज हुई है। एक बार फिर से रुपए डॉलर के मुकाबले ऑलटाइम सबसे लो पर जा गिरा। रुपए ने पिछली क्लोजिंग 85.97 पर की थी। अमेरिकी डॉलर(Dollar) मजबूत होने की वजह से रुपए 27 पैसे टूटा। गिरावट के साथ ही रुपए की कीमत 86.31 प्रति डॉलर(Rupee Hit Record Low) हो गई है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया की भारतीय मुद्रा पर शेयर बाजार का नेगेटिव रुख, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विदेशी पूंजी का लगातार निकलने के चलते दबाव बना।
कच्चे तेल की कीमतों में आया उछाल
अमेरिका ने हाल ही में रूस की तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था। जिससे भारत की मुश्किलें बढ़ गई है। भारत के लिए कच्चा तेल रूस से इमपोर्ट करवाना मुश्किल हो सकता है। जिसकी वजह से ऊंची कीमत पर भारत को कच्चे तेल के लिए बाकी देशों की तरफ रूख करना होगा। अमेरिका के इस फैसले की वजह से कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिली। कच्चे तेल की कीमत 81.44 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा है।
कब तक बाजार में रहेगी ये मायूसी?
अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को शपथ लेंगे। तब तक बाजार में अस्थिरता का माहौल जारी रहेगा। डॉलर के मुकाबले रुपए के और कमजोर होने की उम्मीद है। ट्रंप की पॉलिसी ऐलान से पहले तक बाजार में उठापटक का सिलसिला जारी रहेगा।
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