कल भाजपा खिलेंगे नवीन, क्या कांग्रेस में खिलेगा कमल !
हल्द्वानी skt.com
नगर निगम के चुनाव के बारे में अभी तिथि होने में संशय है लेकिन जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने व्यापारी नेता नवीन वर्मा को टिकट देने का मन बना लिया है उसे निश्चित रूप से अब यह लग रह कि जल्द ही चुनाव करा लिए जाएंगे उसके साथ ही कांग्रेस समर्थक रहे नवीन वर्मा का व्यापारिक जीवन भी अब राजनीतिक जीवन में परिवर्तित हो गया है ।उन्हें पिछले दिनों एक व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व दिया गया है जिससे यह लग रहा है कि वह अब प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पद को छोड़ देंगे तथा इस पद पर कोई नया व्यापारी आसीन होगा ।
हल्द्वानी नगर निगम के ओबीसी के लिए आरक्षित होने के बाद जिस तरह से करीब 65 वर्षों के बाद ओबीसी वर्ग को नगर निगम या नगर पालिका में आरक्षण मिला है उसका लाभ नवीन वर्मा किसी भी हालत में लेना चाहते हैं इसीलिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने का फैसला किया है हालांकि यह घोषणा उन्होंने नही की।बल्कि उनके सहयोगी हर्षवर्धन पांडे ने मुखानी के खाटू श्याम मंदिर के समीप होने वाले कार्यक्रम में पहुंचने का निमंत्रण फेसबुक के माध्यम से दिया है। 65 वर्ष पूर्व अब्दुल्ला परिवार के श्री अब्दुल्ला नगर पालिका के अध्यक्ष बने थे उसके बाद अब 65 साल में नवीन वर्मा नगर निगम के अध्यक्ष बन सकते हैं हालांकि अभी चुनाव में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी से कड़ी टक्कर लेनी पड़ सकती है।
कुमाऊं की इस बहु चर्चित नगर निगम के लिए किसी भी कीमत में कांग्रेस भारी भरकम प्रत्याशी को मैदान में उतरेगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता है जिस तरह से आरक्षण की घोषणा के बाद जिस तरह से नवीन वर्मा की व्यस्तता देखी गई उससे निश्चित रूप से यह यह लग रह कि उनकी भारतीय जनता पार्टी से पींगे बढ़ रही है और उसी का परिणाम यह रहा कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं ।
क्या भाजपा के रंग में रंग पाएंगे नवीन वर्मा
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी की ओबीसी मोर्चे और ओबीसी वर्ग के बड़े नेताओं को क्या नवीन वर्मा अपनी पार्टी में पचा पाएंगे यह भी देखने वाली बात होगी।
नवीन वर्मा अध्यक्ष के पद पर क्या भारतीय जनता पार्टी के रंग में रंग पाएंगे अथवा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए दूसरी पांत के नेताओं की भांति वह अपने लिए कुर्सी ढूंढते हुए नजर आएंगे इससे पहले भी हल्द्वानी नगर पालिका क्षेत्र और कालाढूंगी विधानसभा जिसे हल्द्वानी का ग्रामीण क्षेत्र कहते हैं कि कई नेता भी भारतीय जनता पार्टी में गए पार्टी ने इनमें से कुछ लोगों को चुनाव भी लड़ाया लेकिन वह अपने आप को भाजपा में सहज नहीं कर पा रहे हैं।
कांग्रेस के समय में कुछ दर्ज मंत्री रहे नेता भी भारतीय जनता पार्टी में अपने आप को कितना सहज रख पा रहे हैं यह भी जनता देख रही है फिलहाल चुनाव के रणभेरी बच चुकी है भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी के नेताओं को क्या नवीन वर्मा अपने साथ एडजस्ट कर पाएंगे यह भी भविष्य के गर्भ में छिपा है संभवत है मुख्यमंत्री की डर के बाद नवीन वर्मा की कुछ नेताओं के साथ मुख्यमंत्री तथा संगठन के नेताओं के साथ बातचीत भी हुई होगी ।
वहीं सामान्य वर्ग के लोग जो की काफी समय से ही तैयारी कर रही थी उन्हें सीट के आरक्षित होने के बाद हाथ मलने पड़ रहे हैं क्या वह नवीन वर्मा को अपने कैडर में तालमेल बिठा पाएंगे। यह तो निश्चित है कि इस बार अब चुनावी संघर्ष का भी रोचक होने की संभावना बढ़ गई है कांग्रेस की ओर से नवीन वर्मा का टिकट लगभग ताई माना जा रहा था लेकिन जिस तरह से उन्होंने पाला बदला उससे कांग्रेस में भी नहीं संभावनाएं बन सकती है
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