बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए भाजपा जिम्मेदार:बलूटिया

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-मरीजों को पहाड़ तो दूर हल्द्वानी में भी नहीं मिल रहा है उपचार
-अपने 2017 के चुनावी दृष्टि पत्र “स्वस्थ हो हर घर परिवार” की खुद खिल्ली उड़ा रही है भाजपा

हल्द्वानी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया का कहना है कि भाजपा शासनकाल में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर हो गई है। यह सरकार पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधा देना तो दूर हल्द्वानी शहर के सरकारी अस्पतालों में भी चिकित्सा सुविधा देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। खास बात यह कि जिस भाजपा ने अपने 2017 के दृष्टि पत्र में “स्वस्थ हो हर घर परिवार” का नारा दिया था, आज खुद उसकी खिल्ली उड़ा रही है।
बल्यूटिया ने कहा कि भाजपा ने अपने 2017 की दृष्टि पत्र में सरकारी अस्पतालों में आधुनिक करने और पूर्ण सुविधा संपन्न बनाने का वादा किया था। मेडिकल कॉलेजों को सुविधा संपन्न बनाने के साथ ही नए मेडिकल कॉलेज खोलने के वादे किए गए थे। प्रदेश में टेली मेडिसिन की व्यवस्था शुरू करने की बात कही गई थी। सरकारी अस्पतालों में रिक्त पड़े सभी चिकित्सकों के पद भरने, प्रत्येक ब्लॉक में सस्ती दवा केंद्र खोलने, पहाड़ में ट्रामा सेंटर खोलने, प्रदेश में ईयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने जैसे तमाम वादे भाजपा ने किए थे। इसके अलावा शिशु व महिला स्वास्थ्य के लिए कारगर कदम उठाने के वादे थे। जबकि आज प्रदेश में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु के उपचार के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। नैनीताल समेत पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा, और बागेश्वर में अब तक एक भी स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) की स्थापना नहीं हो पाई। हालात ऐसे हैं कि हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में 70% भर्ती नवजात पहाड़ी क्षेत्रों के हैं। अस्पताल में बेड भी कम पड़ रहे हैं। जबकि पहाड़ के अस्पतालों में पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को या तो सीधे हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया जा रहा है या फिर बच्चा पैदा होने के बाद बच्चे की सुरक्षा के लिए उसे हल्द्वानी भेज दिया जा रहा है। जान जोखिम में डालकर हल्द्वानी पहुंच रहे मरीजों को भी यहां उपयुक्त उपचार नहीं मिल पा रहा है। दूसरी बात यह कि यहां के सरकारी अस्पतालों में पहाड़ से आ रहे अधिकांश मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण रविवार को देखने को मिला। यहां प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक गर्भवती महिला को सुशीला तिवारी अस्पताल ने भर्ती करने से इंकार कर दिया। दबाव बढ़ने पर 2 घंटे बाद उस महिला को भर्ती किया गया। इससे शासन प्रशासन की संवेदनहीनता साफ दिखती है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह जनता के हितों के साथ खड़ी है। प्रदेश में यदि शीघ्र स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं सुधरी तो इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।