भाजपा नेता और एक प्रॉपर्टी डीलर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार की जमीन दिल्ली के बिल्डर को बेचने का मामला सुर्ख़ियो में, कोर्ट में पहुंचने के बाद दाखिल खारिज हुई निरस्त दुबारा जांच के हुए आदेश (जाने पूरा मामला क्या है)

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भीमताल एसकेटी डॉट कॉम

भीमताल के बोहरागाँव स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार की भूमि को क्षेत्र के एक भाजपा नेता उनके खास चर्चित दोस्त प्रॉपर्टी डीलर ने बिना भूमि स्वामी के ही फर्जी दस्तावेजों के सहारे दिल्ली के एक बिल्डर को बेचने का मामला सुर्खियों में है।

हालांकि पीड़ित परिवार द्वारा मानवाधिकार आयोग ने इस मामले की शिकायत करने के बाद अब न्यायालय द्वारा इस मामले की दाखिल खारिज को निरस्त कर दिया है तथा पुलिस द्वारा लगाई गई अंतिम रिपोर्ट को भी निरस्त कर दोबारा से इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं।

यह वह बेशकीमती कृषि भूमि है जिस पर भू माफियाओं की नजर पड़ी है तथा बिना भूमि स्वामी के इसे लोग खरीद ही दे रहे हैं और बेच भी दे रहे हैं

जानकारी के अनुसार नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवम भाजपा नेता ने अपने दोस्त प्रॉपर्टी डीलर के साथ दस्तावेजी छेड़छाड़ करते हुए भूमि स्वामी की सहमति के बिना फर्जी रजिस्ट्री के द्वारा यह भूमि खरीद ली और उसके बाद दिल्ली के एक बिल्डर को यह बेच भी दी।

यह घटना वर्ष 2011 की बताई जा रही है जब इस नेता ने अपने दोस्त प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे भूमि की रजिस्ट्री कर ली तथा इसके बाद दिल्ली के बिल्डर विनय छाबड़ा को भेज दी

इसकी भनक भूमि स्वामी परिवार को 2021 में पता चली जब यहां पर दिल्ली का बिल्डर कब्जे के लिए आया। इसके बाद यह मामला पुलिस की जांच में चला चला लेकिन भीमताल पुलिस प्रभावशाली नेता और उसके दोस्त के प्रभाव में आकर इस भूमि की फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी इसके बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार ने इस मामले को मानवाधिकार आयोग में उठाया मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक नैनीताल को निर्देश देते हुए इस मामले में कार्यवाही करने को कहा है ।

तत्कालीन क्षेत्राधिकारी प्रमोद शाह ने इस मामले में जांच करते हुए अपनी जांच आख्या पुलिस अधीक्षक नैनीताल को सौंपी जिसमें भाजपा नेता और उसके दोस्त को भी डीलर के खिलाफ 28 फरवरी 2022 को धारा 420 के अंतर्गत जालसाजी करने का 420 का मुकदमा में दर्ज किया तथा इस मामले में की गई दाखिल खारिज को कोर्ट ने निरस्त कर दी है

जांच के आधार पर भी यह सिद्ध हो गया है कि बिना भूमि के स्वामी होने पर फर्जी रजिस्ट्री की गई तथा इसे दोबारा से बिल्डर को बेचा गया दोबारा से इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं कोर्ट भीमताल पुलिस की जांच अधिकारी पर अपने पद का दुरुपयोग करने तथा रिपोर्ट में जिन तथ्यों को लगाया है उन्हें निरस्त कर दिया है।

कोर्ट के निर्देश के बाद अब पुलिस के जांच अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने के बाद जिस तरह से इस मामले की फाइनल रिपोर्ट लगाई उससे अब निश्चित रूप से पुलिस के इस जांच अधिकारी का बच पाना मुश्किल लग रहा है।