फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल करने वाले 47 आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई, पांच साल का लगा बैन

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल करने वाले 47 आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने इन 47 आरोपियों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है।


तीन साल पहले हुई फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में नकल का मामला सामने आया था। इस परीक्षा में आरोपियों ने ब्लूटूथ से नकल की थी। जांच के बाद इनके खिलाफ आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने 47 आरोपियों को परीक्षा से डिबार कर दिया है।

दो साल पहले जारी किया था कारण बताओं नोटिस
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ब्लूटूथ से नकल मामले में आरोपी अभ्यर्थियों को एक साल बाद कारण बताओ नोटिस जारी किए। जिसके बाद अभ्यर्थियों के जवबा भी आए थे। लेकिन तब आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर पाया था। लेकिन अब इन्हें पांच साल के लिए बैन कर दिया गया है।

16 फरवरी 2020 को हुई थी भर्ती परीक्षा
16 फरवरी 2020 को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसमें ब्लूटूथ से नकल करने का मामला सामने आया था। परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों ने ब्लूटूथ से नकल की थी। पुलिस जांच में इसकी पुष्टि भी हुई थी। नकल करने वालों में 46 अभ्यर्थी हरिद्वार और एक अभ्यर्थी देहरादून का था।

आरोपियों ने हाईकोर्ट में दायर की थी सिविल अपील
पुलिस जांच में नकल की पुष्टि होने के बाद 9 फरवरी 2021 को अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके जवाब भी दिए गए। लेकिन आरोपियों ने हाईकोर्ट में सिविल अपील दायर कर दी थी। जिसके कारण इन्हें डिबार नहीं किया जा सका।

लेकिन दोबारा से नए सिरे से सभी अभ्यर्थियों के नोटिस जवाबों का अध्ययन किया गया। जिसमें पाया गया कि किसी भी आरोपी अभ्यर्थी का भी जवाब संतोषजनक नहीं था। ना ही किसी ने भी अनुचित साधन का इस्तेमाल न करने संबंधी कोई सबूत पेश किया था। जिसके बाद आयोग ने कार्रवाई की है।