बेडू़ पाको बारोमासा : कैसे हुई इस गीत की रचना, कैसे हो गया इतना मशहूर ?

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बेडू़ पाको बारोमासा गीत उत्तराखंड की पहचान है। जब भी कोई उत्तराखंडी अपनी पहचान बताता है तो बेडू़ पाको बारोमासा गीत से खुद को जोड़ कर अपना परिचय देता है। यूं तो ये गीत हर किसी ने सुना है पर हर कोई इस गीत के इतिहास को नहीं जानता है। तो आइए जानते हैं कि कैसे बेडू़ पाको बारोमासा बना उत्तराखंड की पहचान और किसने बनाया इसको उत्तराखंड की शान।

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बेडू़ पाको बारोमासा गीत रचयिता स्व. बृजेन्द्र लाल शाह हैं। इस गीत को दुनियाभर में उत्तराखंडी सुनते हैं। इसका संगीत स्व. मोहन उप्रेती और बृजमोहन शाह ने बनाया था। इस गीत को पहली बार 1952 में राजकीय इंटर कालेज नैनीताल में गाया गया था। जिसके बाद दिल्ली में 1955 में जब रूस के दो शीर्ष नेता ख्रुश्चेव व बुल्गानिन भारत आए तो इस अंतर्राष्ट्रीय सभा में इसकी पहली रिकॉर्डिंग सम्मान में बजाई गई।

Bedu Pako Baromasa
इसकी रिकॉर्डिंग एचएमवी द्वारा बनाई गई थी। मोहन उप्रेती और नईमा खान उप्रेती ने भी एचएमवी के लिए इस गाने को रिकॉर्ड किया। कार्यक्रम के अतिथियों को स्मारिका के रूप में एचएमवी रिकॉर्डिंग दी गई। और ऐसा कहा जाता है कि तभी से इस गीत को प्रसिद्धी मिली।

Bedu Pako Baromasa
मोहन उप्रेती और नईमा खान उप्रेती——
जवाहर लाल नेहरू को पसंद आया था ये गीत
ऐसा कहा जाता है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को ये गीत बेहद ही पसंद आया था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस गीत को भारत के अन्य प्रतिभागियों के बीच सर्वश्रेष्ठ लोकगीत के रूप में चुना। जिस वजह से उन्होंने मोहन उप्रेती को ‘बेडू पाको बॉय‘ का नाम दिया था।

Bedu Pako Baromasa
अल्मोड़ा में हुई बेडू़ पाको बारोमासा की रचना
बता दें कि इस गीत की रचना अल्मोड़ा में हुई है। इस गीत के लेखक विजेंद्र लाल शाह अल्मोड़ा में जाखनदेवी के पास एक चाय की दुकान पर ये गीत गुन-गुना रहे थे। तभी उस जगह से मोहन उप्रेती ने ये गीत सुना और विजेंद्र लाल शाह से इसे पूरा सुनाने का आग्रह किया। जब उन्होंने ये गीत पूरा सुना तो उन्हें बहुत पसंद आया। जिसके बाद बना हमारी पहचान बना बेडू़ पाको बारो मासा।

बेडू़ पाको बारोमासा गीत के बोल
बेडू़ पाको बारोमासा, नरेण काफल पाको चैता मेरी छैला।
बेडू़ पाको बारोमासा, ओ नरेण काफल पाको चैता मेरी छैला।।
रुणा भूणा दिन आया, नरेण को जां मेरी मैता मेरी छैला।
अल्मोड़े की नंदा देवी, नरेण फुल चढ़ूनी पाती मेरी छैला।
जैसी तीले बोली मारी, ओ नरेण धन्य मेरी छाती मेरी छैला।
बेडू़ पाको बारोमासा, ओ नरेण काफल पाको चैता मेरी छैला।
Bedu Pako Baromasa
नैनीताल की नंदा देवी, नरेण फुल चढूनी पाती मेरी छैला।
बेडू़ पाको बारोमासा, ओ नरेण काफल पाको चैता मेरी छैला।
तेरी खुटी को कान बूड़ो, नरेण मेरी खुटी में पीड़ा मेरी छैला।
बेडू़ पाको बारोमासा, ओ नरेण काफल पाको चैता मेरी छैला।
अल्मोड़े की लाल बजारा, नरेण पाथरे की सींणी मेरी छैला।
आपु खानी पान सुपारी, ओ नरेण मैकें दीनी बीड़ी मेरी छैला।
बेडू़ पाको बारोमासा, ओ नरेण काफल पाको चैता मेरी छैला।। 2